बरेली: अंतिम संस्कार में पड़ोसियों ने नहीं दिया साथ तो समाजसेवियों ने की मदद
बरेली, अमृत विचार। कोरोना ने लोगों को संवेदनहीन बना दिया है। अंतिम यात्रा के लिए चार कंधे तक नसीब नहीं हो रहे हैं। संक्रमित के शव को लेकर तो दूरी कुछ हद तक दूरी ठीक है लेकिन सामान्य मौत होने पर भी लोग मानवता भूल रहे हैं। सीबीगंज में एक बुजुर्ग की मौत हो गई। …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना ने लोगों को संवेदनहीन बना दिया है। अंतिम यात्रा के लिए चार कंधे तक नसीब नहीं हो रहे हैं। संक्रमित के शव को लेकर तो दूरी कुछ हद तक दूरी ठीक है लेकिन सामान्य मौत होने पर भी लोग मानवता भूल रहे हैं। सीबीगंज में एक बुजुर्ग की मौत हो गई। पड़ोसी उसकी अर्थी को कंधा तक देने नहीं नहीं आए। परिवार के लोगों ने समाजसेवियों से संपर्क साधा। परिवार की एक महिला ने समाजसेवी की मदद से बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया।
सीबीगंज थाना क्षेत्र के स्लीपर रोड निवासी 64 वर्षीय सुखविन्दर सिंह की गिर जाने से शुक्रवार को मौत हो गई थी। उनका बेटा मनदीप सिंह कानपुर में नौकरी करता है। पिता की मौत की सूचना पर मनदीप अपनी सहयोगी नवनीत कौर के साथ कानपुर से बरेली पहुंच गया लेकिन न रिश्तेदार तो छोड़िए आस-पड़ोसी भी अर्थी को कंधा देने के लिए तैयार नहीं हुए।
अंतिम यात्रा के लिए अरदास करने वाला भी कोई मौजूद नहीं था। मनदीप ने गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा कोहड़ापीर के ग्रंथी ज्ञानी हेमेन्द्र सिंह से संपर्क किया। समाजसेवियों की मदद से शव रथ की तैयारी की गई। टीम के पहुंचने के बाद शव को कंधा देने वाले चार लोग नहीं थे। उसके बाद परिवार की महिला समेत चार लोगों ने बुजुर्ग की अर्थी को कंधा दिया।