बरेली: कोरोना काल में साइबर ठगों ने निकाला ठगी का अलग तरीका, इस तरह बना रहे हैं अपना शिकार

बरेली, अमृत विचार। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) खोले गए हैं। इनके जरिए लोग ऑनलाइन सरकारी सुविधाओं का लाभ लेते हैं। सीएससी को वीएलई (विलेज लेवल इंटरप्योनेर) संचालित करते हैं। कोविड काल में साइबर ठग अलग-अलग तरीके से लोगों को झांसे में ले रहे हैं। अब साइबर ठग वीएलई …
बरेली, अमृत विचार। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) खोले गए हैं। इनके जरिए लोग ऑनलाइन सरकारी सुविधाओं का लाभ लेते हैं। सीएससी को वीएलई (विलेज लेवल इंटरप्योनेर) संचालित करते हैं। कोविड काल में साइबर ठग अलग-अलग तरीके से लोगों को झांसे में ले रहे हैं। अब साइबर ठग वीएलई को शिकार बना रहे हैं। इसके लिए फर्जी वेबसाइट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस तरह के मामले सामने आने के बाद सीएससी के अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है। इस संबंध में ट्वीट भी किया गया है, जिससे कि सभी वीएलई अलर्ट हो जाएं। अधिकारियों ने फर्जी वेबसाइट के बारे में पता लगने पर वीएलई को ईमेल आईडी पर सूचित करने को कहा है ताकि फर्जी वेबसाइट संचालित करने वालों पर रिपोर्ट दर्ज करायी जा सके।
आयुष दवा को लेकर भी गलत दावे
कोविड काल में लोग आयुर्वेदिक दवाओं का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ लोग होम्योपैथिक दवाओं का भी उपयोग कर रहे हैं। सोशल मीडिया में इन दवाओं को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं कि इन दवाओं के इस्तेमाल से ऑक्सीजन लेवल फौरन बढ़ जाता है। आयुष मंत्रालय ने एक ट्वीट किया है, जिसमें त्रिलोक्यचिंतामणि रस को लेकर किए जा रहे दावों को भ्रामक बताया है। लोगों को अलर्ट किया है कि बिना चिकित्सक की सलाह से दवा का इस्तेमाल न करें, नहीं तो इससे फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।