बरेली: सता रहा लॉकडाउन का डर, फिर लौटने लगा प्रवासियों का कारवां

बरेली: सता रहा लॉकडाउन का डर, फिर लौटने लगा प्रवासियों का कारवां

बरेली, अमृत विचार। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने एक बार फिर से पहले से ज्यादा भयावह हालात पैदा कर दिए हैं। रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर प्रवासियों की भीड़ नजर आने लगी है। कोई अपना पूरा सामान समेट कर चल रहा है तो कोई बच्चे को गोद में उठाकर चल रहा है। बस …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने एक बार फिर से पहले से ज्यादा भयावह हालात पैदा कर दिए हैं। रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर प्रवासियों की भीड़ नजर आने लगी है। कोई अपना पूरा सामान समेट कर चल रहा है तो कोई बच्चे को गोद में उठाकर चल रहा है।

बस गनीमत अभी यह है कि उन्हें सवारी के लिए अधिक परेशान नहीं होना पड़ रहा है लेकिन उनकी मजबूरी का कुछ लोगों ने फायदा उठाना शुरू कर दिया है। निजी वाहन चालक लोगों से चंद दूरी का महंगाा किराया भी वसूलने लगे हैं। जिस तरह मामले देश में बढ़ रहे हैं, उससे तो हालात और बदतर होने वाले हैं।

कुछ राज्यों में लाकडाउन और अधिकांश राज्यों में रात्रि कालीन कर्फ्यू की वजह से लोगों को एक बार फिर से देश में लाकडाउन होने का डर सताने लगा है। अधिकांश प्रवासी गुजरात से वापस आ रहे हैं। जिसकी वजह से गुजरात के भुज से आने वाली आला हजरत ट्रेन में प्रवासियों की जमकर भीड़ हो रही है।

मध्य प्रदेश में लाकडाउन और राजस्थान, यूपी, बिहार, जैसे तमाम राज्यों में रात्रि कालीन कर्फ्यू की अविध लगातार बढ़ाई जा रही है। प्रवासियों की मानें तो वह गुजरात से आला हजरत ट्रेन से पहले बरेली आते हैं और फिर यहां से बिहार जाने वाली ट्रेनों में चढ़कर बिहार को चले जाते हैं। सबसे ज्यादा यात्री जामनगर, गांधीनगर, पालनपुर आदि जगहों से आ रहे हैं।

प्रवासियों ने बताया कि वह वहां पर ईंट बनाने का कार्य करते हैं। बरसात का मौसम शुरू होते ही वहां पर ईंट बनाने का कार्य बंद हो जाता है। जिसके बाद दूसरा काम ढूंढते हैं। इस बार कोरोना की वजह से दूसरे काम भी नहीं मिल रहे है। अधिकांश लोगों के काम कर्फ्यू की वजह से ठप होते जा रहे हैं। बच्चों को भूखे रखने की नौबत आने से पहले ही वह अपने घर की तरफ को चल दिए हैं।

प्रवासियों को क्वारंटाइन करने को सौ बेड का सेंटर तैयार
बेकाबू हो रहे कोविड को नियंत्रण करने के लिए कई राज्यों व शहरों में वीकेंड लाकडाउन लागू होने के बाद प्रवासियों ने फिर सामान लेकर अपने घरों को लौटना शुरू कर दिया है। दो दिन में हजारों प्रवासी रोडवेज बसों समेत अन्य वाहनों से बरेली पहुंच चुके हैं। प्रवासी रात में सेटेलाइट पर काफी समय गुजारने के बाद अपने घरों को चले गए लेकिन पुलिस प्रशासन ने न उनकी जांच कराई और न क्वारंटाइन के इंतजाम किए।

शनिवार को जिलाधिकारी नितीश कुमार ने शासन से आई गाइडलाइन के अनुसार अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मनोज कुमार पांडेय को क्वारंटाइन सेंटर तैयार कराने के निर्देश दिए हैं। इसमें मंडल मुख्यालय पर नगर निगम के हरुनगला में स्थित 100 बेड के रैन बसेरा को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। फरीदपुर, बहेड़ी, मीरगंज, आंवला, नवाबगंज तहसील मुख्यालय स्तर पर भी क्वारंटाइन सेंटर भी बनाए जाएंगे। एडीएम वित्त ने अधिकारियों को क्वारंटाइन सेंटर बनाने के लिए पत्र भेज दिया है। उन्होंने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर को संचालित करने के लिए अभी पांच लाख रुपये मिले हैं। प्रवासियों को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन करने की बात कही गई है।