बरेली: प्रधानमंत्री से नहीं हो सकी बात तो निराश हुए छात्र

बरेली, अमृत विचार। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्र-छात्राओं के साथ परीक्षा पर चर्चा की। कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार चर्चा को वर्चुअल तरीके से किया गया। जीआईसी में जिले के चयनित छात्र कार्यक्रम में शामिल हुए। चयनित छात्रों की प्रधानमंत्री से बात नहीं होने से कुछ निराशा हुई लेकिन प्रधानमंत्री की …
बरेली, अमृत विचार। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्र-छात्राओं के साथ परीक्षा पर चर्चा की। कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार चर्चा को वर्चुअल तरीके से किया गया। जीआईसी में जिले के चयनित छात्र कार्यक्रम में शामिल हुए। चयनित छात्रों की प्रधानमंत्री से बात नहीं होने से कुछ निराशा हुई लेकिन प्रधानमंत्री की बात सुनने के बाद सभी का हौसला बढ़ गया। छात्रों का कहना था कि उन्हें प्रधानमंत्री की बात बहुत अच्छे से समझ में आई। अब वे हार नहीं मानेंगे।
छात्र-छात्राओं में प्रधानमंत्री की परीक्षा पर चर्चा को लेकर इतना उत्साह था कि वे निश्चित समय से पहले ही जीआईसी पहुंच गए थे। चयनित 11 छात्रों के साथ स्कूल के अन्य छात्र भी थे। चयनित छात्रों को पहले लगा कि उन्हें प्रधानमंत्री से सवाल पूछने का मौका मिलेगा। मगर शाम 7 बजे जब कार्यक्रम शुरू हुआ तो पता चला कि पूरा कार्यक्रम रिकार्डेड था। इससे बच्चों का कुछ मन खराब हो गया।
बच्चे आखिर कार्यक्रम तक सोचते रहे कि शायद प्रधानमंत्री उनसे बात करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, अंत में प्रधानमंत्री की पूरी बात सुनने के बाद बच्चे ऊर्जावान दिखाई दे रहे थे। कार्यक्रम में डीआईओएस डॉ. अमरकांत सिंह, स्कूल की उप प्रधानाचार्य कुसुम, डॉ. अवनीश यादव, डॉ. सुभाष चंद्र मौर्य आदि मौजूद रहे।
छात्रों की बात
केंद्रीय विद्यालय एनईआर में पढ़ने वाली 10वीं की छात्रा मुस्कान राजपूत ने बताया कि यदि उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने का मौका मिलता तो वह उनसे नई शिक्षा नीति के बारे में पूछती। मुस्कान का सवाल था कि नई शिक्षा नीति से किस तरह से फायदा होगा। और 12वीं के बाद इस नई शिक्षा नीति से बच्चों को आगे की पढ़ाई और रोजगार के क्या अवसर है।
प्रधानमंत्री का लक्ष्य क्या था
आर्मी पब्लिक स्कूल में 9वी में पढ़ने वाली छात्रा सिमरान ने बताया कि वह प्रधानमंत्री से उनके बारे में पूछना चाहती है। सिमरन का सवाल था कि जब प्रधानमंत्री खुद पढ़ाई करते थे तो उन्हें कौन से विषय में रूचि थी। उनका लक्ष्य क्या था। क्या उनका लक्ष्य प्रधानमंत्री बनना ही था।
सफल छात्र कौन होते हैं
राजकीय हाईस्कूल तालगौटिया के 10वीं के छात्र दिनेश कुमार ने बताया कि वह प्रधानमंत्री से पूछना चाहते थे कि क्या परीक्षा में सर्वाधिक अंक लाना ही सफलता है। आखिर सफल छात्र कौन से होते हैं।
पढ़ाई पर नहीं होता फोकस
मदर टेरेसा स्कूल में 10वीं पढ़ने वाली छात्रा मैविश ने बताया कि वह प्रधानमंत्री से अपनी एक समस्या पूछना चाहती थी। उन्होंने बताया कि उनके घर के आस-पास में काफी शोर रहता है। इसलिए वह पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाती। ऐसा उन्हें क्या करना चाहिए ताकि वह केंद्रित होकर पढ़ाई पर ध्यान दे सकें।