बरेली: पुलिस का पहरा दिखावी, जिला अस्पताल बना मिलाई का अड्डा

संजय शर्मा, बरेली। पुलिस की मर्जी के बगैर परिंदा भी पर नहीं मार सकता। लेकिन जब पुलिस ही अपराधियों से साठगांठ कर ले तो फिर कुछ भी संभव है। कोरोना जेल की दीवारों में काल न बने इसलिए मुलाकात बंद करवा दी गई है। लेकिन कुछ सिपाही चंद रुपयों की खातिर घंटों तक बंदियों के …
संजय शर्मा, बरेली। पुलिस की मर्जी के बगैर परिंदा भी पर नहीं मार सकता। लेकिन जब पुलिस ही अपराधियों से साठगांठ कर ले तो फिर कुछ भी संभव है। कोरोना जेल की दीवारों में काल न बने इसलिए मुलाकात बंद करवा दी गई है। लेकिन कुछ सिपाही चंद रुपयों की खातिर घंटों तक बंदियों के परिवारों से उनकी मुलाकात करवा रहे हैं। खुलेआम चाय, नाश्ता और खाना चल रहा है लेकिन कोई टोकने वाला नहीं है और यह सब चौकी से चंद कदमों की दूरी पर हो रहा है।
बुधवार सुबह जेल की एंबुलेंस से एक बंदी को दिखाने के लिए जिला अस्पताल लाया गया। इसकी जानकारी सिर्फ जेल के स्टाफ को थी। लेकिन बात लीक हुई बंदी का परिवार जिला अस्पताल पहुंच गया। पुलिस की सुरक्षा में उन्होंने घंटों बंदी से बात की और फिर चाय भी पिलाई। बाद में और खाने पीने की चीजें वहां पर मंगवाई गईं। ऐसा कई घंटों तक चलता रहा। परिवार के लोग बंदी से इतना सटकर खड़े रहे जैसे कोरोना वायरस खत्म हो गया हो।
वहीं, सुरक्षा में खड़े पुलिसकर्मी भी ऐसे बने रहे जैसे की बंदी से कोई मिलने ही नहीं आया हो, जबकि अगर ऐसे में कोरोना वायरस जेल में पहुंच जाए तो न जाने कितने लोगों को बीमार कर देगा। ऐसा तब किया जा रहा है, जबकि जिला जेल और सेंट्रल जेल में कई बंदी कोरोना का शिकार हो चुके हैं।
“इस तरह की लापरवाही गलत है। मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही जेल अधीक्षक से भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी जाएगी।” -रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी