देहरादून: किसान आंदोलन को धार्मिक रूप देने की कोशिश देश हित में नहीं: सुबोध उनियाल

अमृत विचार, देहरादून। उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि धर्म का किसानों के आंदोलन से कोई मतलब नहीं है। धर्म और आंदोलन एक दूसरे से अलग हैं। आज किसानों की आड़ में कुछ राजनीतिक दल भोले-भाले किसानों को गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं। इस आंदोलन को धार्मिक रूप देने …

अमृत विचार, देहरादून। उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि धर्म का किसानों के आंदोलन से कोई मतलब नहीं है। धर्म और आंदोलन एक दूसरे से अलग हैं। आज किसानों की आड़ में कुछ राजनीतिक दल भोले-भाले किसानों को गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं। इस आंदोलन को धार्मिक रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। अपना राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं। देश में अराजकता का माहौल पैदा करना चाह रहे हैं।

उनियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने लक्ष्य रखा है। इसके लिए हम सभी कृतसंकल्पित है। उसी दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। केंद्र सरकार ने किसानों के हित के लिए जो कानून बनाया है, वह स्वामीनाथन रिपोर्ट के आधार पर बनाया है यदि इस पर कोई राजनीतिक दल अपने स्वार्थ लिए इसे धर्म से जोड़ता है वह उस राजनीतिक दल या व्यक्ति की छोटी मानसिकता को दर्शाता है ।

उहोंने कहा कि केंद्र सरकार डीबीटी योजना के माध्यम से 9 करोड़ किसानों के खाते में 18000 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किये हैं ।यह हमारी सरकार की किसानों के प्रति संवेदनशीलता व उनके आर्थिक उत्थान के प्रयास को दर्शाता है लेकिन कुछ लोग आज इसको धर्म का मुखौटा पहनाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं। लेकिन वह राजनीतिक दल अपनी इस चाल में कामयाब नहीं हो पाएंगे क्योंकि हमारे देश का किसान आज पूरे मन से हमारे केंद्रीय नेतृत्व श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास करता है।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ओछी राजनीति बाज आना चाहिए। उन्होंने विपक्षियों से अपने राजनीतिक स्वार्थसिद्धि के लिए किसानों के आंदोलन को धर्म से न जोड़ने की अपील की है।