Bareilly: घर से पुलिसकर्मियों ने युवक को किया अगवा, फिर मांगे तीन लाख...चौकी प्रभारी समेत तीन सस्पेंड

Bareilly: घर से पुलिसकर्मियों ने युवक को किया अगवा, फिर मांगे तीन लाख...चौकी प्रभारी समेत तीन सस्पेंड
SSP(फोटो)

बरेली/फतेहगंज पश्चिमी, अमृत विचार: किसान को बंधक बनाकर तीन लाख रुपये की मांग करने वाले फतेहगंज पश्चिमी कस्बा चौकी इंचार्ज बलवीर सिंह ने चौकी को वसूली का अड्डा बना लिया था। वह अपने दोनों कारखास सिपाहियों मोहित चौधरी और हिमांशु तोमर के साथ हर कदम पर सौदेबाजी करता था। तीनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। अधिकारी जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तारी का दावा कर रहे हैं। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने स्मैक तस्करी का आरोप लगाते हुए महिलाओं के साथ बदसलूकी भी की थी।

पैसे नहीं मिले तो जिंदगी बर्बाद करने की दी धमकी
भिटौरा निवासी बलवीर सिंह ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि चौकी इंचार्ज बलवीर सिंह अपने सिपाही हिमांशु तोमर और मोहित कुमार के साथ गुरुवार दोपहर उनके घर में घुसकर तमंचा रख दिया। उसके बाद उसका फोटो खींच लिया। गालीगलौज करते हुए जबरन बाइक पर बिठाकर थाने के पास बने क्वार्टर में ले जाकर मारपीट की। धमकी दी कि तेरी और तेरे परिवार की जिंदगी बर्बाद कर दूंगा। उसके बाद तीन लाख रुपये की मांग की। भतीजे सुमित ने दो लाख रुपये दिए तो धमकाते हुए कहा कि किसी से कहा तो पूरे परिवार को बर्बाद कर दूंगा।

तीन दिन पहले भी खेल करने में जुटे रहे चौकी इंचार्ज
तीन दिन पहले भी चौकी इंचार्ज बलवीर सिंह और दोनों सिपाहियों ने दो स्मैक तस्करों को उठाया था। उसके बाद चौकी प्रभारी ने एक तस्कर गुलाम जाबिर को अगले दिन कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था लेकिन दूसरे वारिस नाम के तस्कर को तीन दिन तक लेकर पूरे थाना क्षेत्र में घूमते रहे। तैयारी थी कि किसी बड़े नामी तस्कर का नाम कबूल ले जिससे उसे वांछित कर दिया जाए और बाद में लाखों रुपये वसूले जाएं।

मामला खुलते ही तीन दिन बाद गुरुवार को उसका चालान कर दिया। एक दिन पहले जाकिर नाम के तस्कर को पकड़कर लाखों वसूल कर उसे छोड़ दिया था। कुछ माह पहले एसएसपी ने चौकी प्रभारी को लाइन हाजिर भी किया था, मगर राजनीतिक रसूख के चलते वह चौकी से नहीं हटा था।

तस्कर के साथ सांठगांठ में सिपाही गया था जेल
फतेहगंज पश्चिमी थाने का यह पहला मामला नहीं है। स्मैक तस्करी कराने के पहले भी आरोप खाकी पर लगते रहे हैं। मुख्यमंत्री के आदेश पर स्मैक तस्करों का साम्राज्य पुलिस ने खत्म कर दिया था लेकिन बलवीर सिंह जैसे भ्रष्ट पुलिस कर्मियों ने इसे दोबारा से खड़ा करा दिया।

दो साल पहले सिपाही अमरजीत और स्मैक तस्कर सोनू कालिया की लेनदेन की ऑडियो वायरल होने पर उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके उसे जेल भेजा गया था। इस मामले में एक बड़े पुलिस अधिकारी का भी नाम खूब उछला था, हालांकि उन्हें जांच में बचा लिया गया था। चर्चा थी कि वह अधिकारी के इशारे पर ही काम करता था। फतेहगंज पश्चिमी में स्मैक तस्करों के खिलाफ अभियान के दौरान सोनू कालिया का घर भी तोड़ा गया था।

तीनों पुलिस कर्मियों की जेल थी क्वार्टर
तीनों पुलिसकर्मियों का एक गुट था। सिपाही नए और पुराने तस्करों को उठाकर लाते थे, फिर अपनी जेल (क्वार्टर) में बंद करके स्मैक तस्करी में जेल भेजने की धमकी देकर मोटी रकम वसूल करते थे। हालांकि एसएसपी की तत्परता ने तीनों का खेल को उजागर हो गया और तीनों पर रिपोर्ट दर्ज हुई। अब तीनों के खुद जेल जाने की स्थिति बनी हुई है।

ट्रांसफर पर चल रहे मुंशी की वसूली की पोस्ट वायरल
दो दिन पहले ट्रांसफर पर चल रहे थाना के एक मुंशी की भी एक्स पर शिकायत की गई है। उसपर फरियादियों से वसूली, रुपये नहीं देने पर पीड़ित को ही हवालात में बंद करने और थाने के बाहर दुकानदार के मोबाइल पर पैसे ट्रांसफर करवाने के आरोप लगे हैं। तीन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के बाद थाने में खलबली मची हुई है।

पहले भी पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई

  • फरीदपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी रामसेवक ने सात लाख रुपये लेकर तस्करों को छोड़ा। मामले में दो लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

  • थाना बहेड़ी के भुडिया कॉलोनी चौकी इंचार्ज दीपचंद को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर जेल भेज गया।

  • सुभाषनगर थाने की करगैना चौकी के प्रभारी धर्मेंद्र देशवाल को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेजा।

  • प्रेनगगर थाने में तैनात दरोगा रामौतार को 50 हजार रुपये लेते गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। वह 50-50 हजार रुपये किश्तों पर रिश्वत ले रहे थे।

  • किला चौकी प्रभारी सौरभ कुमार को एक व्यापारी को फंसा कर सात लाख रुपये मांगने के आरोप में निलंबित किया गया था।

फरीदपुर में व्यापारी के बेटे को फंसाने के लिए इंस्पेक्टर ने किया था खेल
फरीदपुर के एक व्यापारी के बेटे को स्मैक तस्करी में फरीदपुर से शाहजहांपुर के कटरा थाने की पुलिस पकड़ ले गई थी और फिर 27 लाख रुपये वसूल कर उसे छोड़ दिया था। उसके दो साथियों को नाममात्र स्मैक बरामद दिखाकर जेल भेज दिया था। इंस्पेक्टर कटरा को मामला खुलने के बाद निलंबित कर दिया गया था।

इस मामले में बरेली के भी एक अधिकारी का नाम उछला था। जिले के एक सीओ पर स्मैक तस्करों को छोड़ने के लिए दबाव डालने का मामला भी सुर्खियों में रहा था। सोनू कालिया से 10 लाख रुपये मांगने वाले सिपाही को तो जेल भेज दिया गया था लेकिन उसने किस अफसर के नाम पर पैसे मांगे थे, यह पता आज तक नहीं चला।

सोनू कालिया को सारी सूचनाएं देती थी पुलिस
तत्तकालीन इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह, एसओजी का हेड कांस्टेबल अनिल कुमार प्रेमी, शेरगढ़ थाने का हेड कांस्टेबल बाबर, सीबीगंज का सिपाही दिलदार, मुनव्वर आलम और हाफिजगंज का सिपाही हर्ष चौधरी सोनू कालिया को दूसरे जिलों में होने वाली कार्रवाई के साथ गोपनीय रिकॉर्ड भी भेजते थे।

तत्कालीन एसएसपी ने जांच कराई थी तो प्रारंभिक जांच में इन आरोपों की पुष्टि हुई भी थी। जिससे साफ होता है कि पुलिस कर्मियों और स्मैक तस्करों का पुराना साठगांठ आज भी बरकरार है। एसएसपी ने साफ कर दिया है कि किसी भी दागी पुलिस कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा और लगातार एक के बाद एक कार्रवाई जारी है।

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