लखीमपुर खीरी: यूट्यूबर की रंगदारी के आरोप में गिरफ्तारी, पत्रकारों का विरोध, कोर्ट ने एसओ को तलब किया

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। बिजुआ ब्लॉक में तैनात एक कंप्यूटर ऑपरेटर की शिकायत पर थाना भीरा पुलिस ने रंगदारी मांगने के आरोप में यूट्यूबर दीपक पंडित को गिरफ्तार कर लिया। 12 घंटे के भीतर पुलिस ने कार्रवाई पूरी कर आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहाँ से उसे एक दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस घटना से नाराज पत्रकार संगठनों ने पुलिस कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हुए एसपी कार्यालय का घेराव किया और धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। कोर्ट ने भी मामले में एसओ भीरा को तलब किया है, जिससे जिले के पत्रकारों में भारी रोष व्याप्त है।
कोतवाली मोहम्मदी के हरिहरपुर गांव निवासी रामदीप, जो बिजुआ ब्लॉक में संविदा कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं, ने गांव पड़रिया तुला निवासी यूट्यूबर दीपक पंडित पर दो लाख रुपये की रंगदारी मांगने, झूठे मुकदमे में फंसाने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया। उनकी तहरीर के आधार पर भीरा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गुरुवार रात दीपक पंडित को हिरासत में लिया। शुक्रवार सुबह जब यह खबर पत्रकारों तक पहुँची, तो उनमें आक्रोश फैल गया और बड़ी संख्या में पत्रकार थाना भीरा पहुँच गए।
पत्रकारों का उग्र प्रदर्शन
जिला मुख्यालय पर भी पत्रकारों का हुजूम उमड़ पड़ा। हालात को देखते हुए भीरा पुलिस दीपक पंडित को लेकर जिला मुख्यालय पहुँची। इस दौरान कचहरी परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। अफसरों ने पत्रकारों के फोन तक नहीं उठाए। पुलिस ने दीपक को कोर्ट में पेश किया, जहाँ से उसे एक दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने शनिवार को एसओ भीरा को तलब भी किया है। उधर, गिरफ्तारी के विरोध में पत्रकारों ने एसपी कार्यालय का घेराव कर धरना शुरू कर दिया। मौके पर पहुँचे शहर कोतवाल ने समझा-बुझाकर उन्हें शांत कराया।
पुलिस की तेज कार्रवाई पर सवाल
खास बात यह है कि पुलिस ने शिकायत मिलने के 12 घंटे के भीतर जाँच, गिरफ्तारी, मेडिकल और कोर्ट में पेशी की सारी प्रक्रिया पूरी कर दी। पत्रकार संगठनों ने इसे संदिग्ध बताते हुए पुलिस पर जल्दबाजी का आरोप लगाया। पत्रकार संघ के अध्यक्ष नंद कुमार मिश्रा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने एसपी से मुलाकात कर विरोध दर्ज कराया। एसपी ने मामले की जाँच सीओ सिटी को सौंप दी है।
इन संगठनों ने किया विरोध
पत्रकार महासंघ के अध्यक्ष नंद कुमार मिश्रा, ऋषभ त्यागी, कमल मिश्रा, अवध किशोर जायसवाल, एप्जा संगठन के चीफ कोऑर्डिनेटर अनुराग सारथी और जर्नलिस्ट एसोसिएशन सहित कई संगठनों ने गिरफ्तारी का कड़ा विरोध किया।
उन्होंने इसे पत्रकारों की आवाज दबाने की कोशिश करार देते हुए चेतावनी दी कि अब पत्रकार चुप नहीं बैठेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
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