अमेरिका और रूस के प्रतिनिधिमंडल के बीच युद्ध विराम को लेकर सऊदी अरब में वार्ता शुरू 

अमेरिका और रूस के प्रतिनिधिमंडल के बीच युद्ध विराम को लेकर सऊदी अरब में वार्ता शुरू 

कीव। अमेरिकी और रूसी वार्ताकारों के बीच सोमवार को यूक्रेन में आंशिक युद्धविराम को लेकर वार्ता सऊदी अरब में शुरू हो गयी। रूसी समाचार खबरों से यह जानकारी सामने आयी है। यह वार्ता, अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता के एक दौर के कुछ घंटों बाद शुरू हुई है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ और ‘आरआईए-नोवोस्ती’ की खबर के मुताबिक, वार्ता राजधानी रियाद में शुरू हुई और इस बैठक के बाद अमेरिका और यूक्रेन के दलों के बीच एक बार और बैठक होने की संभावना है। खबर में बताया गया कि अलग-अलग बैठकों में ऊर्जा संयंत्रों और नागरिक अवसंरचना पर रूस और यूक्रेन दोनों की ओर से लंबी दूरी के हमलों पर विराम के विवरण पर चर्चा की जाएगी। 

साथ ही सुरक्षित वाणिज्यिक समुद्री परिवहन सुनिश्चित करने के लिए काला सागर में हमलों पर रोक लगाने को लेकर भी चर्चा की जाएगी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करने के बाद यूक्रेन और रूस ने बुधवार को सीमित युद्धविराम पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई थी, लेकिन दोनों पक्षों ने इस बात पर अलग-अलग विचार व्यक्त किये थे कि किन ठिकानों पर हमला करना प्रतिबंधित होगा। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर युद्ध विराम समझौते पर पहुंचने के प्रयासों को कमजोर करने का आरोप लगाया। व्हाइट हाउस ने ‘ऊर्जा और आधारभूत संरचना’ पर हमले पर रोक लगाने की बात कही थी, लेकिन क्रेमलिन ने समझौते में सिर्फ ऊर्जा अवसंरचा को ही जगह दी। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि वह रेलवे और बंदरगाहों की सुरक्षा भी चाहेंगे। 

जेलेंस्की ने रविवार शाम को टेलीविजन पर दिए गए एक बयान में कहा कि 11 मार्च से ही बिना शर्त युद्ध विराम का प्रस्ताव विचाराधीन है और ये हमले पहले ही बंद हो सकते थे, लेकिन रूस ने यह सब जारी रखा है। जेलेंस्की ने कहा, “इस आतंक को रोकने के लिए रूस पर अधिक दबाव होना चाहिए।” उन्होंने कहा, ‘‘ यह ‘हमारे सभी भागीदारों अमेरिका, यूरोप और दुनिया भर के अन्य देशों पर निर्भर करता है।’’ जेलेंस्की ने इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 30 दिवसीय पूर्ण युद्धविराम के लिए तैयार है, जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कीव को हथियारों की आपूर्ति रोकने और यूक्रेन की सैन्य लामबंदी को निलंबित करने की शर्त पर पूर्ण युद्धविराम की बात कही है। इन मांगों को यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने अस्वीकार कर दिया है। 

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