लखनऊ में शुरू हुई गर्मियों की तैयारी, नगर निगर और स्वास्थ्य विभाग निभाएंगे अहम रोल
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लखनऊ, अमृत विचार: गर्मियों में लोगों को हीट वेव से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। शुक्रवार को नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक में जिलाधिकारी ने तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि शहर के बड़े चौराहे/ट्रैफिक सिग्नल पर दो पहिया वाहन सवारी के लिए छाया के लिए ग्रीन मैट्स और पेयजल की व्यवस्था की जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि अस्पतालों में पंखे, कूलर और एसी की मरम्मत कराने और ओपीडी, सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल व पंखों की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा जिले में प्वाइंट बनाकर पेयजल की व्यवस्था और ओआरएस की व्यवस्था कराई जाए। नगर निगम और पशुपाल विभाग को पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए गोशाला में शेड बनवाने व पेयजल की व्यवस्था करें।अपर नगर आयुक्त ने बताया कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर निगम के सभी वार्डों में कुल 116 प्वाइंट्स बनाए जा रहे हैं। जिसमें टेंट में कूलर, पेयजल और गुड़ की व्यवस्था की जाएगी। बैठक में सीडीओ अजय जैन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी विजय कुमार, संचारी रोग के नोडल अधिकारी डॉ. गोपीलाल, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. निशांत निर्वाण, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रितु श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
तालाबों, पोखरों में कराएं एंटी लार्वा का छिड़काव
डेंगू से निपटने के लिए प्रत्येक जोन में पड़ने वाले तालाबों, जलाशयों, पोखरों और जल जमाव वाले क्षेत्रों की मैपिंग कराते हुए ड्रोन से एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जाए। स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम प्रतिदिन स्मार्ट सिटी के लिए किए गए कार्यों की रिपोर्टिंग करेंगे, जिसकी 15 दिन में समीक्षा होगी। ये निर्देश जिलाधिकारी विशाख जी ने संक्रमण और संचारी रोगों की रोकथाम के लिए बुलाई गई बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जिस क्षेत्र में डेंगू के ज्यादा केस रिपोर्ट हुए थे वहां समय के समय एंटी लार्वा छिड़काव और फागिंग कराने के लिए रोस्टरवार ड्यूटी लगाई जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा शिविर लगवाकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए।
10 अप्रैल से चलेगा दस्तक अभियान
सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि 10 से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान चलेगा। इसके तहत आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बुखार, इंफ़्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई), फाइलेरिया, काला जार, कुष्ठ रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों और कुपोषित बच्चों का नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित संपूर्ण विवरण ई–कवच पोर्टल पर अपलोड करेंगी।