पॉलिसीधारक और एजेंट के प्रति प्रतिबद्ध हैं: एलआईसी ने राहुल गांधी के दावों का किया खंडन
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नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दावों का खंडन करते हुए कहा कि वह अपने पॉलिसीधारकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और अपने सभी एजेंट के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। एलआईसी के एजेंट के एक प्रतिनिधिमंडल के राहुल गांधी से मुलाकात करने और भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) तथा एलआईसी द्वारा नियमों में हाल ही में किए गए बदलावों का मुद्दा उठाने के एक दिन बाद एलआईसी की ओर से यह स्पष्टीकरण आया है। एलआईसी एजेंट ने विपक्ष के नेता से कहा था इरडा और एलआईसी द्वारा किए गए नियमों में बदलाव से गरीब तथा वंचित समुदायों के लिए बीमा कम किफायती हो गया है और एजेंट की स्थिति कमजोर हो गई है।
एलआईसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ मोहंती ने बयान में कहा, ‘‘ हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि एलआईसी ने ऐसे उत्पाद पेश किए हैं जो इरडा द्वारा निर्धारित नए उत्पाद विनियमों के अनुरूप हैं, जिसमें पॉलिसीधारकों के हितों को सर्वोपरि रखा गया है। ये बदलाव एक अक्टूबर, 2024 से प्रभावी हुए हैं।’’ उन्होंने कहा कि एलआईसी ने लगातार ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक और सामाजिक रूप से वंचित वर्गों तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित किया है क्योंकि वह जीवन बीमा के दायरे को व्यापक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मोहंती ने कहा, ‘‘ हमारा उद्देश्य प्रत्येक बीमा योग्य व्यक्ति को किफायती लागत पर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।’’
उन्होंने कहा कि विभिन्न ग्राहक वर्गों तथा समाज के विभिन्न वर्गों की जरूरतों को पूरा करने वाले विविध खंड के साथ एलआईसी सभी नियामकीय जरूरतों का पूरी तरह से अनुपालन करती है। एलआईसी के सीईओ ने कहा कि उदाहरण के तौर पर एलआईसी की सूक्ष्म बचत योजना न्यूनतम एक लाख रुपये की बीमा राशि प्रदान करती है और यह माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से मुक्त है, जिससे इसकी पहुंच सुनिश्चित होती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उत्पाद नियमों में बदलाव के बाद एजेंट के लिए ‘कमीशन’ कम नहीं किया गया है, बल्कि इसे चरणबद्ध तरीके से दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ एलआईसी अपने पॉलिसीधारकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है, साथ ही अपनी एजेंसी से जुड़े लोगों की भलाई का भी समर्थन करती है।’’
राहुल गांधी ने एलआईसी एजेंट के एक प्रतिनिधिमंडल से उनके संसद भवन कार्यालय में मुलाकात करने के बाद बुधवार को कहा था कि वह भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण तथा भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा नियमों में बदलाव किए जाने से संबंधित एलआईसी एजेंट की चिंताओं को संसद में उठाएंगे। उन्होंने कहा था, ‘‘जब 1956 में एलआईसी का गठन किया गया था, तो इसका उद्देश्य सभी भारतीयों को किफायती बीमा प्रदान करना था, विशेष रूप से सबसे गरीब लोगों को जिनके पास कोई अन्य सामाजिक सुरक्षा नहीं थी। मैं यह मुद्दा उठाऊंगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एलआईसी का समावेशी दृष्टिकोण सुरक्षित रहे।’’
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