बरेली: कलेक्ट्रेट निरीक्षण में गंभीर खामियां, कमिश्नर ने अधिकारियों को लगाई कड़ी फटकार
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बरेली, अमृत विचार: कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने बुधवार दोपहर कलेक्ट्रेट का वार्षिक निरीक्षण किया। उन्होंने कई पटलों के कामकाज की स्थिति परखी। ज्यादातर पटलों पर कर्मचारियों की लापरवाही से अभिलेख अधूरे मिले। भूलेख कार्यालय के निरीक्षण में अभिलेखों में कई खामियां मिलीं।
कई सवालों के ठीक से जवाब न देने और निलंबित हुए लेखपालों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होने के संबंध में अभिलेख अधूरे मिलने पर कमिश्नर ने नाराजगी जताई और सहायक भूलेख अधिकारी अनिल कुमार के विरुद्ध डीएम को कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
निकाय पटल पर तैनात ऑपरेटर संतोष पांडेय कंप्यूटर पर भजन सुनते मिला। जिलाधिकारी ने एडीएम प्रशासन को कर्मचारी को निलंबित करने के निर्देश दिए। हालांकि, कंप्यूटर ऑपरेटर आउटसोर्सिंग से तैनात है।
कमिश्नर दोपहर करीब 3 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचीं। सबसे पहले उन्होंने डीएम कक्ष देखा। नायब नाजिर कार्यालय में कई मदों में आई धनराशि के खर्च समेत अन्य बिंदुओं पर जानकारी की। उसके बाद कमरा नंबर सात में एक-एक पटल सहायक के पास पहुंचकर उनके कामकाज, लंबित प्रकरण समेत अन्य बिंदुओं पर अभिलेखों की स्थिति परखी।
निरीक्षण में पाया कि आयोग से आ रही शिकायतों की पेंडेंसी अधिक है। कर्मचारियों को शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए। संबंधित अधिकारियों से कहा कि कर्मचारियों की सर्विस बुक, जीपीएफ पासबुक संभाल कर रखें। कमिश्नर ने पटल सहायकों को पुराने प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित करने को निर्देशित किया।
कहा, जितने भी निरीक्षण हुए हैं, उसे रजिस्टर में चढ़ाकर अनुपालन आख्या अंकित करने के साथ एक साल से लंबित होने की स्थिति में अलग से रजिस्टर में चढ़ाने के भी निर्देश दिए। शस्त्र अनुभाग फिर राजस्व अभिलेखागार की स्थिति परखी। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यालय में हीटवेव की तैयारी की जानकारी ली।
कमिश्नर को सबसे ज्यादा समय भूलेख कार्यालय के निरीक्षण में लगा। जनपद में तीन साल में कितने लेखपाल या राजस्व निरीक्षक निलंबित हुए, उनके खिलाफ किस तरह की विभागीय कार्रवाई हुई या समाप्त हो गई, इस संबंध में अभिलेख अधूरे मिले। कमिश्नर ने सहायक भूलेख अधिकारी अनिल कुमार से कई सवाल किए तो वह अपने ही जवाबों में उलझते नजर आए।
एक तरह से अभिलेखों को दुरुस्त न कर पाने में उनकी घोर लापरवाही सामने आई। इस पर कमिश्नर ने मौके पर ही कहा कि यहां की स्थिति बेहद खराब है। पेंशन प्रकरण एवं रजिस्टर आदि पूर्ण नहीं मिलने पर नाराजगी व्यक्त की। अधिकारियों को निर्देश दिए कि जब भी निरीक्षण करें, संबंधित पटल सहायक किस पद पर है और वह क्या कार्य देख रहा है इसकी भी जानकारी करें।
जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रशासन पूर्णिमा सिंह, अपर जिलाधिकारी नगर सौरभ दुबे, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संतोष बहादुर सिंह, एडीएम न्यायिक देश दीपक सिंह, नगर मजिस्ट्रेट राजीव कुमार शुक्ला, एसडीएम निधि डोडवाल आदि मौजूद रहे।
प्रशासन के रजिस्टर के अनुसार ही हो पुलिस का रजिस्टर
कमिश्नर ने शस्त्र अनुभाग का मुआयना किया। पटल सहायक अंकित पटेल से जनपद के कुल शस्त्रों की जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि 49311 शस्त्र हैं। इस बीच यह बात सामने आई कि हर साल नए लाइसेंस बनने से जो शस्त्र बढ़ते हैं, उन्हें पुलिस विभाग सही तरह से अपने रिकार्ड में नहीं चढ़ाता है। इस कारण पुलिस और प्रशासन के रिकार्ड एक जैसा नहीं होता है।
इस पर कमिश्नर ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि प्रशासन के रजिस्टर के अनुसार ही पुलिस का रजिस्टर बने,। इसके लिए एसएसपी से बात कर किसी दिन रविवार को मिलान कराएं । पुलिस प्रशासन के रिकार्ड में किसी प्रकार की भिन्नता नहीं होनी चाहिए।
एक ही रजिस्टर में सबकुछ स्पष्ट हो
कमिश्नर ने राजस्व अभिलेखागार के रिकार्ड रूम का काफी देर तक मुआयना किया। रिकार्ड काे सही तरह से रखने के लिए और इंतजाम करने के निर्देश दिए। खतौनी की नकल जारी करने के कार्य की जानकारी लेने के साथ मुख्य रजिस्टर भी देखा।
इस दौरान जो रजिस्टर बना था, उस पर नकल आदेश, नकल रिपोर्ट तैयार और जारी करने संबंधी बातें एक साथ चढ़ी नहीं थीं, इस वजह से यह मालूम नहीं हो पा रहा था कि कितने नकल सवाल लंबित हैं या कितने जारी हो गए।
कितने लोग नकल आदेश लेने नहीं आए हैं। कमिश्नर ने डीएम को कंप्लीट रजिस्टर तैयार कराने के लिए कहा, ताकि एक ही रजिस्टर में सब कुछ स्पष्ट दिखे। कमिश्नर ने यह भी कहा कि मैंने मंडल के तीनों जिलों में एक ही रजिस्टर में सब चीजें देखीं, यहीं अलग-अलग मिला।
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