शाहजहांपुर: डीएम ने दिया लेखपाल को निलंबित करने का आदेश, लापरवाही करने पर फंसे

शाहजहांपुर: डीएम ने दिया लेखपाल को निलंबित करने का आदेश, लापरवाही करने पर फंसे

शाहजहांपुर, अमृत विचार: भटपुरा रसूलपुर में तालाबों पर हो रहे अवैध कब्जों को लेकर डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने लेखपाल शशी पटेल को निलंबित करने का आदेश एसडीएम पुवायां को दिया है। लेखपाल पर आरोप है कि ग्राम पंचायत में एक हिस्ट्रीशीटर तालाबों पर अवैध कब्जे कर रहा है और लेखपाल कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ग्राम पंचायत भटपुरा रसूलपुर के प्रधान अनिल कुमार गुप्ता ने मंगलवार को डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह से मिलकर बताया था कि हिस्ट्रीशीटर रमजान अली ने ग्राम पंचायत के कई तालाबों के किनारों को पाटकर खेत बना लिया है। 

कुछ तालाबों की जमीन पर उसने फसल भी उगा दी है। ग्राम पंचायत इन तालाबों को खुदवाना चाहती है, लेकिन अवैध कब्जों के चलते ऐसा नहीं हो पा रहा है। हिस्ट्रीशीटर ने मरघट की जमीन पर भी कब्जा कर रखा है। ग्राम पंचायत पक्का मरघट बनवाना चाहती है, लेकिन यह विकास कार्य भी अवैध कब्जों के चलते नहीं हो पा रहे हैं। कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी।

ग्राम प्रधान ने कार्रवाई की मांग की थी। साथ ही लेखपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे, जिसके बाद डीएम ने एसडीएम पुवायां को निर्देश दिए हैं कि लेखपाल को निलंबित कर मामले की निष्पक्ष जांच कराएं। डीएम ने बताया कि एसडीएम पुवायां को लेखपाल को निलंबित कर जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।

संजय पांडेय बने एसडीएम सदर
शाहजहांपुर, अमृत विचार: डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने संजय कुमार पांडेय को सदर का नया एसडीएम बनाया है। उनका पुवायां में कार्यकाल लगभग एक साल सात माह का रहा। इस दौरान कई विवाद उनसे जुड़े। अधिवक्ता व वादकारियों ने समय से कार्य न होने को लेकर कई बार हंगामा किया। इसके अलावा उन पर कार्यों को लने के आरोप लगते रहे। एसडीएम के कर्मचारी की ओर से दवा खरीदने के बाद मेडिकल स्टोर को सील कराने को लेकर भी सवाल उठते रहे।

पुवायां के व्यापारियों ने इस कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हुए गलत बताया था। इसके अलावा सिंधौली क्षेत्र में अवैध खनन पकड़ने के लिए डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह को स्वयं जाना पड़ा था। उस दौरान भी एसडीएम संजय पांडेय की भूमिका को लेकर सवाल उठे थे कि तहसील में रहने के बाद भी आखिर कैसे एसडीएम को अवैध खनन की जानकारी नहीं हो सकी। डीएम को जिले से जाकर कार्रवाई करनी पड़ी।

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