बदायूं: बांधों की मरम्मत में नई तकनीक, जियो बैग से मिलेगी मजबूती
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बदायूं, अमृत विचार: तटबंधों की मरम्मत के लिए इस बार बाढ़ खंड ने नई विधि अपनाने का निर्णय लिया है। इस बार जियो बैग बांध पर लगाए जाएंगे। इसके ऊपर पत्थर लगा कर बांधों को पुख्ता बनाया जाएगा। इस विधि से कम खर्च में बांध की मरम्मत की जाएगी।
जनपद में गंगा नदियां एक बड़े इलाके से होकर गुजरती हैं। इससे जिले में कुल आठ स्थानों पर बांध बनाए गए हैं। इन बांधों की हर साल बाढ़ खंड मरम्मत करता है। इससे बारिश के समय ऊपर से आने वाले पानी से बांध को खतरा न हो। इस बार बाढ़ खंड की कार्ययोजना पर शासन स्तर से 28 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गयी है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इस बार सभी बांधों की मरम्मत नई विधि से की जाएगी।
इस बार बांधों पर जियो बैग लगाए जाएंगे। विभाग के अनुसार एक मजबूत पॉलीथिन नुमा कपड़े के बड़े-बड़े बैग में नदी की रेत भर कर नदी के अंदर बांध पर लगाए जाएंगे। जियो बैग में रेत भरी होने के कारण ऊपर से छोड़ा जाने वाले पानी की टक्कर इन्ही जियो बैग से होगी। जियो बैग पानी के बेग को रोकेंगे जिससे बांध सुरक्षित रहेगा। जियो बैग के ऊपर पत्थर कम मात्रा में डाला जाएगा।
इस विधि से लागत भी कम आएगी और बांध दोहरा मजबूत हो जाएगा। बांधों की मरम्मत का कार्य अप्रैल के मध्य से शुरू होगा, जो जून माह तक पूरा कर लिया जाएगा। बाढ़ खंड के सहायक अभियंता नेशपाल ने बताया कि जियो बैग विधि पहली बार प्रयोग में लायी जा रही है। यह विधि कुछ जिलों में पहले शुरू की गई थी, जो सफल रही। इसलिए इस बार यहां भी आठो बांधों पर जियो बैग विधि से मरम्मत की जाएगी। इस विधि से मरम्मत में लागत कुछ कम आएगी जबकि मजबूती अधिक बनेगी इसलिए इस विधि से मरम्मत करने का निर्णय लिया गया है।
निरीक्षण के बाद शुरू किया जाएगा कार्य
बाढ़ खंड को सभी आठ बांधों सहित नौ प्वाइंटों पर मरम्मत करानी है। मरम्मत शुरू करने से विभागीय अधिकारी स्थलीय निरीक्षण करेंगे। यदि किसी प्वाइंट पर बदलाव किया जाना हो तो बदलाव किया जा सके या फिर मरम्मत का स्थान बढ़ाया या घटाया जा सके। स्थलीय निरीक्षण के बाद मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
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