फरीदाबाद से कानपुर लाया गया Jyoti हत्याकांड में सजायाफ्ता आशीष, गया जेल; उच्च न्यायालय में अपील खारिज होने के बाद वारंट जारी हुआ था

कानपुर, अमृत विचार। शहर के बहुचर्चित ज्योति हत्याकांड में सजायाफ्ता आशीष कश्यप को सोमवार फरीदाबाद जेल से लाकर प्रभारी अपर जिला जज प्रथम विकास गोयल की कोर्ट में पेश किया गया। जमानत की अपील खारिज होने पर आशीष कश्यप को अदालत ने जेल भेज दिया। उच्च न्यायालय में अपील खारिज होने के बाद आशीष की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया था।
पांडु नगर निवासी बिस्किट कारोबारी पीयूष श्यामदासानी अपनी पत्नी ज्योति के साथ 27 जुलाई 2014 की रात स्वरूप नगर स्थित वरांडा होटल में गया था। रात 11:30 बजे उसने पुलिस को सूचना दी थी कि कुछ लोगों ने उसे वीआइपी रोड पर रोक लिया। उसे उतारकर पीटा और पत्नी समेत कार लेकर फरार हो गए। बाद में पुलिस ने ज्योति का शव बरामद किया था। उसकी हत्या चाकुओं से गोदकर की गई थी। पुलिस ने पर्दाफाश किया था कि पीयूष ने ही ज्योति की हत्या कराई है।
पुलिस ने पीयूष, उसकी प्रेमिका मनीषा, अवधेश चतुर्वेदी, रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया, सोनू कश्यप और आशीष कश्यप को गिरफ्तार किया था। 21 अक्टूबर 2022 को अपर जिला जज की कोर्ट ने सभी को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। मनीषा, आशीष, अवधेश उच्च न्यायालय से जमानत मिलने पर बाहर चल रहे थे। पीयूष जिला जेल, रेनू और सोनू इटावा जेल में है। सभी सजायाफ्ताओं की उच्च न्यायालय में अपील की गई थी जहां से उच्च न्यायालय ने अपील खारिज कर दी थी।
उच्च न्यायालय ने मनीषा मखीजा को दोष मुक्त करार दिया था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप कुमार साहू ने बताया कि अपील खारिज होने पर भी आशीष ने अदालत में आत्मसमर्पण नहीं किया था। इस कारण गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया गया था। दबिश के दौरान पुलिस को पता चला था कि आशीष निमिका फरीदाबाद हरियाणा की जेल में साइबर ठगी व फर्जीवाड़े के मुकदमे में बंद है। कोर्ट ने निमिका फरीदाबाद के जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर अदालत में पेश करने के लिए कहा था। पुलिस उसे सोमवार को अदालत लेकर आई वहां से कानपुर जिला जेल भेज दिया गया।
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