फिल्म निर्देशक बेटे ने मां को बचाने के लिए चुनी मौत, पत्नी के उत्पीड़न से था परेशान, जानिए पूरा मामला

विशेष संवाददाता, अमृत विचार। शहर में भी अतुल सुभाष जैसा मामला सामने आया है। महिला मंच की संयोजिका, सखी केंद्र की संचालिका नीलम चतुर्वेदी का आरोप है कि फिल्म निर्देशन से जुड़े उनके पुत्र निशांत ने मुंबई में पत्नी के उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने मित्रों व शुभचिंतकों को ‘नीलम की पुकार’ मार्मिक संदेश जारी कर मदद मांगी है।
नीलम का कहना है कि बेटे निशांत की मौत से 64 साल की उम्र में वह खुद को जिंदा लाश महसूस कर रही हैं। बेटा निशांत दोस्त, हमसफ़र और हमदर्द था। तीन साल पहले उसकी जिंदगी में अपूर्वा नामक सुंदर, मीठी-मीठी बातें करने वाली लड़की आई। दोनों का दिल से विवाह किया। अपूर्वा को बेटी से ज्यादा प्यार और सम्मान दिया। लेकिन उसने मेरी जिंदगी तहस-नहस कर दी। अपूर्वा और उसके परिवार ने बेटे को बर्बाद कर दिया। उसने निशांत को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से तोड़ दिया।
अपूर्वा के बेटे के साथ मुंबई जाने पर हालात और बिगड़ गए। बेटा अक्सर बस स्टॉप, पार्क और सड़कों पर टूटा हुआ बैठा रहता। पत्नी की प्रताड़ना से वह बिखरता चला गया। अपूर्वा और उसके मां-बाप के बहुत हाथ पैर जोड़े कि मेरे बच्चे को जिंदा रहने दो, लेकिन वह यही कहते रहे कि तुम्हारा बेटा जिंदा तो है कहां मर गया। अपूर्व और उसके परिवार वालों ने उन्हें बदनाम करने की मुहिम चलाई। निशांत फूट-फूटकर रोता था।
वह कहता था कि मां, इस लड़की के साथ नहीं जी सकता, मुझे जेल भेज दो, लेकिन इससे बचा लो। उसने तलाक का मुकदमा दाखिल किया, लेकिन अपूर्वा उसे छोड़ना ही नहीं चाहती थी। उसने मेरे बेटे को मरने की धमकियां दीं, मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। आखिरकार 28 फरवरी को बेटे ने अपनी जान ले ली। इससे पहले उसने तीन दिन होटल में अकेले बिताए, सबसे अच्छे से बात की। लेकिन अंदर ही अंदर वह मां को बचाने और अपने मरने का तरीका खोज रहा था।