Bareilly: संकट में तालाबों का अस्तित्व! बना दिया पीलीभीत बाईपास तो कहीं स्कूल-मंदिर और कब्रिस्तान

तालाब डेलापीर की करीब 3924.85 वर्ग भूमि बिकने के बाद सामने आया बड़ा मामला

Bareilly: संकट में तालाबों का अस्तित्व! बना दिया पीलीभीत बाईपास तो कहीं स्कूल-मंदिर और कब्रिस्तान

राकेश शर्मा, बरेली। उच्च न्यायालय से नगर निगम के केस हारने के बाद राजस्व अभिलेखों में जलमग्न तालाब डेलापीर की करीब 3924.85 वर्ग भूमि बिल्डर के हाथों बेचने जाने के बाद एक और बड़ा मामला सामने आया है। नगर निगम सीमा क्षेत्र में करीब 156 छोटे-बड़े तालाब हैं। इनमें अधिकांश तालाब अस्तित्व खो चुके हैं।

इन तालाबों की मौके की स्थिति बताते हुए नगर निगम ने करीब चार साल पहले आरटीआई में वस्तुस्थिति की जानकारी दी थी। आरटीआई के तहत दी गयी तालाबों की रिपोर्ट अब उजागर हुई है। अनदेखी से ज्यादातर तालाब सूखे हैं तो कहीं पीलीभीत बाईपास बना है। कंक्रीट के भवन भी खड़े हैं। कहीं स्कूल तो कहीं मंदिर और कब्रिस्तान में दबकर तालाब दम तोड़ चुके हैं।

दरअसल, बरेली कॉलेज में विधि विभागाध्यक्ष रहे डा. प्रदीप कुमार ने आरटीआई के तहत नगर निगम से उनकी सीमा क्षेत्र में तालाब और कुआं की सूची मांगी थी। तब 3 मार्च, 2020 को नगर निगम के जन सूचना अधिकारी कार्यालय ने डा. प्रदीप कुमार को प्रार्थनापत्र संख्या 5849, दिनांक 25 फरवरी, 2020 के क्रम में निगम क्षेत्र स्थित तालाबों की सूची उपलब्ध करायी थी।

तब निगम ने यह भी बताया कि कुओं की सूची उपलब्ध नहीं है। इधर, डेलापीर तालाब की करोड़ों रुपये की बेशकीमती 3924.85 वर्ग भूमि के बिकने के बाद निगम क्षेत्र के तालाबों की चार साल पहले की स्थिति की रिपोर्ट अब सामने आयी है। कुछ साल पहले तालाबों को यथास्थिति में लाने के लिए उच्च न्यायालय में सपोर्ट इंडिया वेलफेयर सोसाइटी बनाम उप्र सरकार व अन्य में याचिका दायर की गयी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने प्रत्येक जनपद के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि प्रत्येक जनपद में वर्ष 1951-52 में तालाब के रूप में दर्ज तालाबों को सूचीबद्ध करके यथास्थिति में लाया जाए लेकिन यहां उच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन नहीं किया गया। नगर निगम ने तालाबों को मूल स्वरूप में लाने के लिए अपने स्तर से कोई कवायद नहीं की।

हरुनगला: गाटा संख्या 440, करीब 2 बीघा 6 बिस्वा पर वाद चल रहा है। 600, करीब 0.101 हेक्टेयर भूमि खाली व कुछ पानी है। 650, करीब 1 बीघा 2 बिस्वा पर भूमि खाली व कुछ पानी है। 743, करीब 8 बिस्वा भूमि खाली है। 792, करीब 1 बीघा 2 बिस्वा मौके पर खाली व कुछ पानी है। 807, करीब 5 बिस्वा सूखा है, मौके पर घास है। कंजादासपुर: गाटा संख्या 59, करीब 1 बीघा 3 बिस्वा आंशिक कब्जा, बाकी खाली है। खलीलपुर के गाटा संख्या 10, करीब 8 बिस्वा पर चार शौचालय बने हैं।

कोई आबादी के बीच फंसा तो कोई तालाब कूड़े से पटा
जौहरपुर: गाटा संख्या 94, करीब 15 बिस्वा खाली है। 229, करीब 6 बिस्वा आबादी में है स्थानीय लोग कूड़ा फेंकते हैं। 687 करीब 6 बिस्वा सूखा है। 697, करीब 5 बिस्वा खाली है कुछ खेतों में है। ट्यिूलिया: गाटा संख्या 110, करीब 2 बीघा 6 बिस्वा, खाली या कब्जा है कुछ पता नहीं। 118, करीब 10 बिस्वा जलकुंभी है। 145, करीब 1 बीघा 6 बिस्वा खाली है कुछ पानी भी है। 332, करीब 14 बिस्वा खाली है कुछ पानी भरा है।

कब्रिस्तान के अंदर समेत कई तालाब केस में फंसे
तुलापुर: गाटा संख्या 21, करीब 7 बिस्वा खाली है। 38, करीब 1 बीघा 5 बिस्वा कुछ भाग में ग्रामसभा काल से अवैध पुराने कब्जे हैं, कुछ में भराव है। नवादा शेखान: गाटा संख्या 68, करीब 1 बीघा 5 बिस्वा चारों ओर कब्रिस्तान भूमि होने के कारण उसकी बाउंड्री में है। कोई निर्माण नहीं है। नेकपुर: गाटा संख्या 447 मि, करीब 10 बिस्वा वाद चल रहा है। 908 मि, करीब 3 बिस्वा पर जोत है, बंटवारा होना है ताकि निगम का हिस्सा पता चल सके। 1001, करीब 2 बिस्वा खाली, कुछ पानी भरा है।

एक विद्या मंदिर, मंदिर में दबा दिया तालाब
नवादा जोगियान: गाटा संख्या 6, करीब 13 बिस्वा किसी की बाउंड्री में है। 57, करीब 13 बिस्वा एक सरस्वती विद्या मंदिर ने अवैध रूप से दबा लिया है। 234, करीब 11 बिस्वा पानी है मंदिर के कब्जे में है। 610, करीब 3 बिस्वा आधा तालाब लोगों ने कूड़े से पाट दिया, शेष में पानी है। 663, करीब 7 बिस्वा मंदिर की बाउंड्री है, सूखा है। 664, करीब 15 बिस्वा मंदिर की बाउंड्री है। 9/731, की करीब 1 बिस्वा पब्लिक स्कूल के पास सूखा पड़ा है। नदौसी: गाटा संख्या 152, करीब 5 बिस्वा सूखा है चारों तरफ बाग भूमि है। 247, करीब 11 बिस्वा सूखा और खाली है। 684, करीब 1 बिस्वा पर जलकुंभी खड़ी है। 1088, करीब 9 बिस्वा तालाब खाली है, पानी संग जलकुंभी है।

मूल स्वरूप से अस्तित्व खो रहे तालाब
परतापुर जीवन सहाय: गाटा संख्या 183, करीब 3 बिस्वा आबादी के बीच में आने के कारण रकबा कम हो गया। परसाखेड़ा: गाटा संख्या 413 मि, करीब 8 बिस्वा मौके पर खाली, कुछ में पानी है। 522, करीब 13 बिस्वा कुछ खाली तो कुछ में पानी है। फरीदापुर चौधरी: गाटा संख्या 304, करीब 15 बिस्वा मौके पर खाली, थोड़ा पानी बताया। 332, करीब 1 बीघा 5 बिस्वा मौके पर खाली व सूखा पड़ा है।

कहीं पक्का रास्ता तो कहीं पीडब्ल्यूडी की रोड बन गयी
बिहारमान नगला: गाटा संख्या 129, करीब 4 बीघा 12 बिस्वा लगभग 25 प्रतिशत पानी, 75 प्रतिशत में निगम की गलियां व आबादी है। 130, करीब 1 बीघा 12 बिस्वा लगभग 90 प्रतिशत पानी, 10 प्रतिशत निर्माण है। 133, करीब 6 बीघा 14 बिस्वा लगभग 40 प्रतिशत पानी, 10 प्रतिशत रोड व 50 प्रतिशत पटान है। 183, करीब 19 बिस्वा पानी भरा है। 199 करीब 19 बिस्वा अवैध मकान बने थे सभी आठ मकान ध्वस्त करा 16 नवंबर 2013 को कब्जा लिया।

212, करीब 4 बिस्वा खाली है खुदान कराया है। 252, करीब 9 बिस्वा ओएचटी बना है। 573 करीब 11 बिस्वा कुछ पानी है कुछ लोगों ने पाट दिया। 596, करीब 7 बिस्वा गड्ढा सूखा है। 605, करीब 1 बीघा 9 बिस्वा पीलीभीत बाईपास बना है। 612, करीब 7 बिस्वा सूखा है, बाउंड्री में बंद कर दिया है। 716, करीब 7 बिस्वा खाली है, रेवती रमण कालोनी में है। 752, करीब 4 बिस्वा मरघट में है, कुछ पानी है।

712, करीब 4 बिस्वा पीडब्ल्यूडी रोड में चला गया। 820, करीब 5 बिस्वा शेष खाली है, छोटी विहार के आगे है। 911, करीब 1 बीघा 4 बिस्वा पानी भरा है बड़ी विहार से लगा है। 1023, करीब 15 बिस्वा कुछ खाली तो कुछ पानी भरा है। 675/1296, करीब एक बिस्वा रास्ता पक्का बना है।

यहां के ज्यादातर तालाबों का अस्तित्व मिट गया
बेनीपुर चौधरी: गाटा संख्या 170, करीब 4 बिस्वा पुरानी आबादी है। 181, करीब 7 बिस्वा स्वत:मिट्टी से पट गया। 189, करीब 1 बीघा 1 बिस्वा स्वत: मिट्टी से पट गया। 190, करीब 6 बिस्वा स्वत:मिट्टी से पट गया। बिधौलिया में गाटा संख्या 45, करीब 1 बीघा 7 बिस्वा में 50 गज में अवैध छप्पर पड़ा है बाकी खाली बताया।

59, करीब 6 बिस्वा आबादी है। 288, करीब 4 बिस्वा पट चुका है। महलऊ में गाटा संख्या 436 करीब 5 बिस्वा में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डूडा द्वारा बनाया गया, बाकी मौके पर खाली बतायी। 438, करीब 5 बिस्वा पट गया है, अवैध छप्पर पड़े हैं। महेशपुर अटरिया के गाटा संख्या 1080, करीब 7 बिस्वा मकान बने हैं। कुछ खाली जगह भी है। मुकदमे चल रहे हैं।

यह भी पढ़ें- बरेली-चंदौसी-अलीगढ़ रेल लाइन का होगा दोहरीकरण को मिली रफ्तार, 2227 करोड़ मंजूर