जिस थाने में गुमशुदगी, वहीं मरणासन्न मिला मजदूर, नहीं की पहचान, जानें पूरा मामला

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Published By Muskan Dixit
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तीन दिन तक पोस्टमार्टम हाउस पर पड़ा रहा शव

लखनऊ, अमृत विचार: पुलिस की लापरवाही का आलम यह है कि जिस युवक की गुमशुदगी बंथरा थाने में दर्ज थी, उसी थाना क्षेत्र के अमावां के पास मरणासन्न हालत में मिला। लोकबंधु अस्पताल में मौत के बाद कृष्णानगर पुलिस ने अज्ञात में पंचनामा भरकर भेज दिया। दोनों थानें की पुलिस ने एक बार भी गुमशुदा का रजिस्टर नहीं देखा। सोशल मीडिया पर जानकारी मिलने पर परिजन ने कृष्णानगर पुलिस के साथ रविवार को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर शव की पहचान की। परिजन ने मृतक के ससुरालवालों पर हत्या का आरोप लगाया है।

बंथरा के नारायणपुर-फतेहगंज रोड स्थित अमावां तिराहा के पास जंगल में बुधवार दोपहर 35 वर्षीय युवक सड़क पर लहूलुहान पड़ा मिला। गंभीर हालत में उसे लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां मौत हो गई। शिनाख्त न होने पर पुलिस ने लावारिस में पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए केजीएमयू भेज दिया था।

लोनहा निवासी ओमप्रकाश रावत ने 11 अप्रैल को 35 वर्षीय भाई पुताई मजदूर कन्हैयालाल की बंथरा के गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि कन्हैया 9 अप्रैल को ससुराल हरौनी गया था, लेकिन 2 दिन बाद भी नहीं लौटा। उन्होंने बताया कि मरणासन्न हालत में मिले अज्ञात युवक की खबर की सोशल मीडिया पर जानकारी हुई। इसके बाद बंथरा थाने पहुंचे, वहां कृष्णानगर पुलिस से संपर्क करने के लिए कहा गया। कृष्णानगर पुलिस से संपर्क कर रविवार को परिजन केजीएमयू के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और शव की पहचान कन्हैया लाल के रूप में की।

परिजन ने कन्हैया लाल के ससुरालवालों पर हत्या कर फेंकने का आरोप लगाया है। ओमप्रकाश का कहना है कि 13 वर्ष पहले कन्हैया की शादी हरौनी निवासी किरन के साथ हुई थी। उसके एक बेटा और एक बेटी भी है। किरन से आए दिन कन्हैया का विवाद होता रहता था। शिवरात्रि को लड़ाई झगड़ा होने के बाद किरन बच्चों के साथ मायके चली गयी थी। इसके बाद कई बार कन्हैया ससुराल गया तो उसके ससुर और सालों ने उसकी पिटाई की। कन्हैया 9 अप्रैल को अपनी पत्नी से मिलने के लिए ससुराल पैदल गया था। उसके बाद फिर वापस घर नहीं लौटा।

लापरवाह बनी बंथरा पुलिस

ओमप्रकाश का कहना है कि परिजन गुमशुदगी दर्ज कराने बंथरा थाने गए थे। तभी अगर पुलिस बता देती कि अज्ञात युवक बेहोशी हालत में मिला है तो बिना देर के पहचान हो जाती। पुलिस की लापरवाही के चलते तीन दिन तक भाई का शव पोस्टमार्टम हाउस में लावारिस में पड़ा रहा।

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