Sambhal News : बिन ब्याही मां का बच्ची को जेल में साथ रखने से इनकार, युवती का अधेड़ के साथ था प्रेम प्रसंग

Sambhal News : बिन ब्याही मां का बच्ची को जेल में साथ रखने से इनकार, युवती का अधेड़ के साथ था प्रेम प्रसंग

संभल के बहजोई में बाल कल्याण समिति के पास बच्ची को लेकर पहुंची महिला सिपाही

संभल, अमृत विचार। नखासा थाना क्षेत्र में करीब साढ़े तीन माह पहले मिट्टी में दबी मिली नवजात को जिला अस्पताल से छुट्टी कराकर बाल कल्याण समिति ने विशेष दत्तक अभिग्रहण बदायूं भेज दिया। बिन ब्याही मां ने इस बच्ची को जन्म देकर मारने के लिए मिट्टी के नीचे दबा दिया था। युवती का अधेड़ के साथ प्रेम प्रसंग था। पुलिस ने बच्ची को मिट्टी से निकालकर जिला अस्पताल भेजा था जबकि उसकी मां को जेल भेज दिया गया था।

थाना क्षेत्र के गांव दरियापुर राजदेव निवासी नरेंद्र ने दूसरे गांव निवासी युवती को अपने प्रेमजाल में फंसा लिया था। प्रेम संबंधों की वजह से नरेंद्र व युवती के बीच शारीरिक भी स्थापित हो गए। जिससे युवती गर्भवती हो गई। दो नवंबर की रात नरेंद्र दवा दिलाने के लिए युवती को लेकर निजी डॉक्टर के पास गांव देहपा जा रहा था। गांव मन्नीखेड़ा के पास जंगल में पहुंचने पर युवती ने रास्ते में ही बच्ची को जन्म दिया था।

बिन ब्याही मां व नरेंद्र ने बदनामी के ड़र व मारने के इरादे से पास में स्थित सरसों के खेत में बच्ची को मिट्टी में दबा दिया था। करीब 15 घंटे से अधिक समय तक मिट्टी में दबे रहने के बाद भी बच्ची जिंदा बच गई। तीन नवंबर की शाम को सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद नरेंद्र व युवती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

जिला अस्पताल में उपचार से बच्ची स्वस्थ हो गई। बुधवार को थाना नखासा पुलिस जिला अस्पताल पहुंची और जिला अस्पताल से छुट्टी कराने के बाद पुलिस ने बच्ची को बहजोई में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गौरव गुप्ता, सदस्य गौरव शर्मा व नूतन चौधरी के सामने पेश किया। यहां से बाल कल्याण समिति ने बच्ची को विशेष दत्तक अभिग्रहण बदायूं भेज दिया।

बिन ब्याही मां का नहीं पसीजा दिल
जिला अस्पताल में स्वस्थ होने के बाद पुलिस ने बच्ची को सौंपने के लिए मुरादाबाद जेल में बंद उसकी बिन ब्याही जन्म देने वाली मां से संपर्क किया था, लेकिन युवती के अंदर मां की ममता नहीं जागी और जेल में अपने साथ रखने से मना करते हुए युवती ने बच्ची को गांव में रह रहे अपने माता पिता को पुलिस से सौंपने की बात कही। गांव पहुंचकर पुलिस ने युवती के माता पिता से बच्ची को रखने के लिए संपंर्क किया। लेकिन युवती के माता पिता ने भी बच्ची को अपने पास रखने से इंकार कर दिया।

जिला अस्पताल में 104 दिन रही बच्ची
नखासा थाना क्षेत्र के गांव मन्नीखेड़ा के जंगल में सरसो के खेत में 15 घंटे से अधिक मिट्टी में दबे रहने के बाद बच्ची तीन नवंबर की शाम को मिली थी। रोने की आवाज को सुनकर काम कर घर को जा रहे लोगों ने बच्ची के पास पहुंचे। देखा तो बच्ची के पैर व गर्दन जमीन से बाहर निकली हुई थी। बाकी शरीर मिट्टी में दबा हुआ था। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। बच्ची ने दो नवंबर से पंद्रह जनवरी तक जिला अस्पताल में करीब 104 दिन का समय बिताया है।

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