बरेली: नगर निगम में पकड़ा गया बड़ा खेल...आठ करोड़ के काम चहेते ठेकेदारों को दिए
32 कार्यों के टेंडरों में गड़बड़ियां, नगर आयुक्त ने दिए दोबारा टेंडर के निर्देश
बरेली, अमृत विचार। नगर निगम में कुछ इंजीनियरों की साठगांठ से टेंडर पूल कराकर करीब आठ करोड़ के काम चहेते ठेकेदारों को देने का खेल पकड़ा गया है। जांच में गड़बड़ियों की भरमार मिलने के बाद नगर आयुक्त ने 32 कार्यों के टेंडर निरस्त कर टेंडर प्रक्रिया दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया है। इससे ठेकेदारों में खलबली मची हुई है।
नगर निगम के निर्माण विभाग ने सड़क-नाली समेत कई और निर्माण कार्यों के लिए 32 टेंडर किए थे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक पूल करने के लिए गिनती की एजेंसियों ने ही टेंडर डाले। निर्माण विभाग के कुछ इंजीनियरों ने ही ठेकेदारों का पूल बनवाया। इसके बाद चहेते ठेकेदार की ओर से दूसरे ठेकेदारों को पूल की रकम देने का सौदा भी तय हो गया। इसकी भनक लगने के बाद नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने गोपनीय जांच कराई तो गड़बड़ी की पुष्टि हो गई।नगर आयुक्त ने इस पर जवाब मांगा तो निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने बहाना बनाया कि टेंडर काफी कम आए थे। इसके बाद नगर आयुक्त ने सभी टेंडर निरस्त कर दोबारा टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है।
गिनीचुनी फर्मों को मिला सबसे ज्यादा काम
कुछ फर्मों को नगर निगम में निर्माण कार्यों के ज्यादातर टेंडर मिल रहे हैं। इनमें भी दो फर्मों को सबसे ज्यादा काम मिला है। इसी आधार पर माना जा रहा है कि कुछ ठेकेदारों पर निर्माण विभाग के के इंजीनियर मेहरबान हैं और किसी भी हाल में उन्हें ही टेंडर देने की कोशिश कर रहे है। इसकी पुष्टि के बाद अब नगर आयुक्त ने उन फर्मों की जांच-पड़ताल करा रहे हैं जिन्हें सबसे ज्यादा काम मिला है।
...तो इसीलिए हो रहा है घटिया निर्माण और टूट रही हैं सड़कें
बरेली: मानकों के अनुसार काम न होना नगर निगम की सड़कों के समय से पहले टूटने का सबसे बड़ा कारण है। घटिया निर्माण सामग्री इस्तेमाल किए जाने की वजह से सड़कें बनने के कुछ समय बाद ही उखड़ जा रही हैं। नगर आयुक्त की जांच में इसकी पुष्टि हो चुकी है। पता चला है कि बीएसआर ( कार्यों की मानक दर) रेट से 20 से 35 प्रतिशत तक कम मूल्य पर टेंडर छूट रहे हैं। बीएसआर के तहत कार्य में लगने वाली सामग्री, मजदूर आदि की बाजार दर के हिसाब से एक रेट होती है। मगर टेंडरों में इससे कम रेट पर काम लिया गया है। इससे साफ जाहिर है कि इसकी भरपाई घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर की जा रही है।
गुणवत्ता की अनदेखी की तो होगी कार्रवाई
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की अनदेखी करने वाली फर्म पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। निर्माण विभाग के टेंडरों में पूल की संभावना हो सकती है। इस नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। टेंडरों में ज्यादा से ज्यादा प्रतिस्पर्धा होगी तभी बेहतर काम होगा।