पहली बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं की हो रही डिजिटल गणना, रंग लाई सीएम योगी की मुहीम, देखें Photos
भास्कर दूबे, लखनऊ, अमृत विचार: प्रदेश की योगी सरकार ने आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेन्स (एआई) और अन्य डिजिटल तकनीक का अभूतपूर्व प्रयोग करके धरती के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन को आकार दिया है। इतिहास में पहली बार महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सटीक गणना होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच को आधुनिक लॉजिस्टिक का यह पूरा ढांचा वायरलेस डेटा में लिपटे आध्यामिक हब की तरह है। जीआईएस मैप, बहुभाषीय एप, एनपीआरपी टूल से पूरे महाकुंभ क्षेत्र को लैस किया गया है। मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा है कि कुंभ कभी अराजकता और यहां मचने वाली भगदड़ के लिए जाना जाता था, लेकिन हमने इसका कायाकल्प किया, परम्परा को नवाचार से जोड़ा, उसे यूनेस्को से मान्यता दिलाई। कुंभ में आने वाले हर श्रद्धालु को रिस्ट बैंड पहनाया जा रहा है, जिसके जरिए वापसी तक की उसकी हर गतिविधि को ट्रैक किया जा सकेगा।
जहां एक ओर महाकुम्भ 2025 श्रद्धालुओं की संख्या का नया रिकॉर्ड स्थापित करेगा तो वहीं योगी सरकार मॉडर्न टेक्नोलॉजी की मदद से दुनिया का सबसे बड़ा हेडकाउंट कर नया इतिहास बनाएगी। ऐसा अनुमान है कि इस बार महाकुम्भ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज आने की संभावना है। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का सही आंकलन किया जा सके, इसके लिए योगी सरकार तकनीक के माध्यम से एक-एक श्रद्धालु का हेडकाउंट कर रही है। यह महाकुम्भ ही नहीं, बल्कि किसी भी बड़े आयोजन में दुनिया के अंदर सबसे बड़ा हेडकाउंट होगा। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर मेला प्रशासन एआई तकनीक के साथ ही कई अन्य विधियों के जरिए इस उपलब्धि को हासिल करने का प्रयास करने में जुटा है।
प्रयागराज में जब भी कुम्भ या महाकुम्भ का आयोजन होता है तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। हालांकि, अब तक इनकी संख्या को काउंट करने की कोई सटीक तकनीक नहीं थी। हालांकि, इस बार योगी सरकार एआई कैमरों के साथ ही कई अन्य तकनीकों का सहारा ले रही है, ताकि महाकुम्भ में आने वाले एक-एक श्रद्धालु की गिनती की जा सके और उन्हें ट्रैक भी किया जा सके।
इस संबंध में मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बताया कि इस बार महाकुम्भ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड होगा। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की काउंटिंग और ट्रैकिंग के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। श्रद्धालुओं को ट्रैक करने के लिए मेला क्षेत्र के अंदर 200 स्थानों पर लगभग 744 अस्थायी सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जबकि शहर के अंदर 268 स्थानों पर 1107 स्थायी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यही नहीं, 100 से अधिक पार्किंग स्थलों पर 720 सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं।
95 प्रतिशत तक लगाया जा सकेगा सटीक अनुमान
महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के हेडकाउंट के लिए एआई कैमरों का वृहद स्तर पर उपयोग किया जा रहा है। यह कैमरे हर मिनट डेटा को अपडेट करेंगे। पूरा फोकस घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं पर होगा। यह सिस्टम सुबह 3 बजे से शाम 7 बजे तक पूरी तरह एक्टिव रहेगा, क्योंकि स्नान का प्रमुख समय यही माना गया है। इससे पहले माघ मेला के दौरान भी इन विधियों का उपयोग किया गया था। इसके माध्यम से हेडकाउंट का 95 प्रतिशत तक सटीक अनुमान लगाया जा सकता है
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