लखनऊः संभलकर चलें बाबू...पांव के नीचे बहता सीवर का पानी, सिर के ऊपर करंट
लखनऊ, अमृत विचार: नगर निगम जोन 5 के बाबू कुंज बिहारी-ओम नगर वार्ड का हाल देख लीजिए आप सोचने को विवश हो जाएंगे कि राजधानी में हैं या फिर किसी ग्रामीण अथवा कस्बे में। करीब-करीब हर मोड़ या सड़क आपको असुरक्षा का अहसास कराती नजर आएगी। कहीं जमीन दरक कर गड्ढा बन गया है तो कहीं घरों में सीवर लाइन का पानी घुसता हुआ नजर आ आएगा। जब राहत नहीं मिली तो लोगों ने पटरा और ईंट-पत्थर से वैकल्पिक रास्ता बना लिया है। सबसे खतरनाक हालत सुजानपुरा तिराहे पर देखने को मिला जहां मोड़ पर ही बिजली का खंभा तिरछा हो गया है। उसके तार हाथों की पहुंच तक लटक रहे हैं। सामने ही बच्चों का स्कूल है। तारों से करंट बह रहा है लेकिन इसका पुरसाहाल लेने वाला कोई नहीं है। करीब तीन माह से यह खंभा लटक रहा है। लोगों ने पतली रस्सियों से इसे बगल में लगे दूसरे खंभे से बांध दिया है। तेज हवाओं का झोंका यह कितना झेल पाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लोगों का कहना है कि जल निगम की खुदाई ने इस इलाके ऐसा खाका खींच दिया है कि अब यहां से गुजरने वाले लोग असुरक्षा के बीच निकलने को मजबूर हैं। ''अमृत विचार आपके द्वार'' की टीम जब इस वार्ड में पहुंची तो लोग जिम्मेदार को कोसते नजर आए।
अनसुनि करते जिम्मेदार...
टीम जैसे ही पहुंची तो भिलावां में स्थानीय महिलाएं घरों से बाहर निकल आईं। हाथ के इशारे से दिखाया कि कैसे सीवर का गंदा पानी लोगों के घरों में सीधे प्रवेश कर रहा है। सीवर के चैम्बर में लीकेज से यहां घर के बाहर गंदा पानी जमा है। सीवर का लेवल घर से ऊंचा हो गया है। बदबू उठ रही है। सीवर बैक मार रहा है। इसकी शिकायत लोगों ने जलकल विभाग से कई बार की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। घर से बाहर आने-जाने के लिए स्थानीय लोगों ने पटरा और ईंट-पत्थर लगा वैकल्पिक रास्ता बना लिया है।
नालियां कभी नहीं होती साफ
वार्ड के ऋषि नगर, भिलावां सहित कई इलाकों में नालियां तो कभी साफ नहीं होती हैं। सिल्ट से पटी पड़ी हैं। मुख्य मार्ग साफ लेकिन गलियों में जगह-जगह गंदगी दिखती है। लोगों का आरोप है कि नालियां साफ करने सफाई कर्मचारी नहीं आते हैं। सड़कों पर झाड़ू तक नहीं लगती। नगर निगम से शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती।
सीवर के लिए तिराहे पर जल निगम ने खोदा गड्ढा
क्षेत्र में सीवर लाइन डालने के लिए जल निगम ने कई जगह पर सड़कें खोद दी हैं। अरसा बीतने के बाद भी सड़कें बदहाल पड़ी हुई हैं। अब सीवर लाइन कनेक्टिंग के लिए सुजानपुरा मोड़ तिराहे पर गहरा गड्ढा खोद दिया। हाल यह हुआ है कि इससे बिजली का पोल तिरछा होकर लटक गया है, जो कभी भी गिर सकता है। स्थानीय लोग पोल की ओर देखते हुए ही गुजरते हैं। यही नहीं वाहन तक निकलने में समस्या रहती है।
नालियां हो गई हैं गायब, सड़क पर बह रहा पानी
क्षेत्र की संकरी गलियों में इंटरलाकिंग टाइल्स के साथ नालियां गायब हो चुकी हैं। नालियों का पानी सड़क पर बहता है। इंटरलाकिंग टाइल्स को ठेकेदार ने उखाड़कर सड़क किनारे नाली के ऊपर लगा दिया है। जलनिकासी न होने से सड़क पर नालियों का गंदा पानी बह रहा है। सीवर लाइन डालने का काम पूरा होने के बाद सड़क के अलावा नालियां भी दोबारा बनानी पड़ेंगी।
बदसूरती से उबर नहीं पा रहे ये मोहल्ले
नगर निगम जोन 5 के बाबू कुंज बिहारी-ओम नगर वार्ड में 1.5 लाख की आबादी बड़ी परेशानी झेल रही है। जल निगम ने सीवर लाइन डालने के लिए 5 वर्ष पहले काम शुरू किया था जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है। सुजानपुरा, सरदारीखेड़ा, उरियावां, भिलावा, ओमनगर, ऋषि नगर, गीतापल्ली, कैलाशपुरी, पवनपुरी, छोटा बहरा आंशिक सहित शांतिनगर और भीम नगर आदि इलाकों में जल निगम ने सीवर लाइन के लिए सड़कें खोदीं लेकिन बनाई नहीं। इससे ऊबड़ खाबड़ रास्तों पर बच्चे और महिलाएं गिरकर चोटिल हो रहे हैं। चंदरनगर से तीन मार्गों को जोड़ने वाली भिलावा की एकमात्र सड़क खराब पड़ी है।
जल निगम ने सीवर लाइन डालने के लिए जगह-जगह सड़कें खोदी गई हैं। इससे सड़कें खराब हैं और सही से नहीं बनाई जा रहीं हैं। अभी सीवर कनेक्टिंग का काम चल रहा है। मार्च से पहले काम पूरा नहीं हुआ तो नगर निगम का बजट लैप्स हो जाएगा और सड़कें नहीं बन पाएंगी।
सरिता मिश्रा, पार्षद, बाबू कुंज बिहारी-ओम नगर वार्ड
इलाके के लोगों ने जताई नाराजगी
-पिछले डेढ़ वर्ष से जल निगम वालों ने सड़क खोद रखी है। जिसकी वजह से आने जाने वाले राहगीरों को परेशानी होती है। -रमेश चंद बेरी
-नालियों को सड़क पर बिछाने वाली टाइल्स से ढक दिया गया है जिसकी वजह से नाली से बहने वाला पानी रुक गया है। सड़क पर आकर बहता है। -अरुण मंदानी
-नालियों में सिल्ट ऊपर तक आ गया है जिसकी वजह से गंदगी सड़क पर बहती है। नगर निगम कर्मचारी सफाई करने नहीं आते हैं। नाली से सिल्ट निकाली जाए। -दिनेश कुमार कनोजिया
-सड़क में गड्ढे होने के कारण आये दिन दुर्घटना होती रहती है। दो पहिया वाहन और ई रिक्शा आये दिन इसमें फंसकर पलट जाते हैं और लोग चोटिल होते हैं। -दीपक बेरी
-गंदगी के कारण अब यहां रहना दुश्वार हो गया है। बारिश में हालात और भी खराब हो जाते हैं। घुटने तक पानी भर जाता है। फिर भी नालियों से सिल्ट तक नहीं निकलती है। -मीनाक्षी सक्सेना
-सफाई कर्मचारी सिर्फ खानापूर्ति करने आते हैं। नालियों की सफाई समय से नहीं होती है जिसकी वजह से गंदा पानी घरो में घुसता है। –संजय रावत
-कई दिनों तक कूड़ा पड़ा रहता है। कूड़ा उठाने वाले नहीं आते है। कई बार पार्षद से कहा मगर कोई सुनवाई नही हुई। –राकेश कनोजिया
-नालियों की निकासी बंद है जिसकी वजह से बीमारियां फैल रही है। आये दिन लोग बीमार होते रहते है। गंदगी में रहने को मजबूर है। –ओंकार सचदेवा
अमृत विचार आपके द्वार टीम- गोपाल सिंह, अमित पांडेय और छायाकार प्रमोद शर्मा
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