बरेली: लापता हरिराम 10 साल बाद परिजनों से मिले तो छलक उठीं आंखें

रायबरेली निवासी हरिराम का मनो समर्पण संस्थान में चल रहा था इलाज

बरेली: लापता हरिराम 10 साल बाद परिजनों से मिले तो छलक उठीं आंखें

बरेली, अमृत विचार। रायबरेली के हरिराम 10 साल बाद जब अपने परिजनों से मिले तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। वह शाहजहांपुर की कोतवाली पुलिस को मिले थे। मानसिक हालत ठीक न होने पर रजऊ परसपुर स्थित मनोसमर्पण संस्थान की टीम के सदस्य मुकुल, शिवाली तोमर, कृष्नांग, प्रियांशु, पवन ने उन्हें संस्थान में दाखिल कराया था।

साइकोलॉजिस्ट शैलेश शर्मा ने बताया कि हरिराम के मानसिक उपचार के साथ साथ उनकी मनोवैज्ञानिक रूप से काउंसलिंग की गई। स्थिति में सुधार आने पर हरिराम ने अपने घर की जानकारी दी। पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से हरिराम के परिवार से संपर्क हुआ। हरिराम को लेने उनके बड़े भाई हौसिला, पतिराम, छोटेलाल, मामा प्रेमशंकर रविवार को संस्थान पहुंचे और अपने भाई को गले से लगाया।

हौसिला ने बताया कि वह पांच भाई हैं। 10 साल पहले छोटा भाई हरिराम घर से काम करने मुंबई गया था लेकिन वापस नहीं आया। हरिराम के तीन बच्चों में दो की मौत जन्म के बाद ही हो गई थी। एक बेटा है। हरिराम की पत्नी पार्वती की भी तीन साल पहले कैंसर की बीमारी से मौत हो गई थी। मनोसमर्पण संस्था के मुकुल कुमार और रंजीत मौर्य ने कागजी कार्रवाई पूरी कर हरिराम को उनके भाई के सुपुर्द कर दिया।

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