Prayagraj News : दुष्कर्म के आरोपी शिक्षक की याचिका खारिज
प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक छात्रा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी शिक्षक की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि एक लोकतांत्रिक समाज में शिक्षक की भूमिका बहुमुखी होती है और उसके पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां होती हैं। वह भावी नागरिकों के भविष्य को आकार देने, उनके शैक्षणिक विकास को प्रभावित करने तथा उनकी नागरिक चेतना और नैतिक मूल्यों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिक्षक की जिम्मेदारियां केवल कक्षा में ज्ञान प्रदान करने तक सीमित नहीं होती बल्कि कक्षा से बाहर भी होती है।
उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकलपीठ ने छात्रा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी शिक्षक गंधर्व कुमार उर्फ गौरव की जमानत याचिका को खारिज करते हुए की। मालूम हो कि याची के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस स्टेशन साहिबाबाद, गाजियाबाद में मामला दर्ज हुआ था।हालांकि याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है, लेकिन कोर्ट ने पाया कि सीआरपीसी की धारा 161 और 164 के तहत पीड़िता के बयानों में कोई विरोधाभास नहीं मिलता है।
अतः याची को गलत तरीके से फंसाने का कोई आधार नहीं बनता है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि यौन हिंसा एक महिला की निजता और पवित्रता में अमानवीय तथा गैरकानूनी घुसपैठ है और यह उसके सर्वोच्च सम्मान पर एक गंभीर आघात देता है। अंत में कोर्ट ने अपराध की गंभीरता और याची की भूमिका को ध्यान में रखते हुए याची की जमानत याचिका खारिज कर दी।
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