छाया गोली महिलाओं के लिए इंजेक्शन से ज्यादा सुरक्षित: कानपुर के GSVM के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की चिकित्सकों के अध्ययन में सामने आया तथ्य
कानपुर, अमृत विचार। गर्भवती महिलाएं जाने अनजाने कई बार बिना डॉक्टर की सलाह के बिना गर्भ निरोधक दवाओं का सेवन कर लेती है, जिससे उनकी हालत गंभीर हो जाती है। अस्पताल तक में भर्ती होना पड़ता है और महिला की जान बचाने के लिए प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा गर्भपात कराया जाता है।
ऐसा तब है, जब अस्पतालों में अनचाहे गर्भ को हटाने के लिए छाया गोली मौजूद हैं। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की चिकित्सकों द्वारा की गई स्टडी में छाया गोली को इंजेक्शन के मुकाबले काफी सुरक्षित पाया गया है।
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में औसतन एक माह में 150 से अधिक महिलाएं गर्भपात के लिए आती हैं। इनमे कई महिलाएं ऐसी होती हैं, जिन्होंने बिना प्रशिक्षित डॉक्टर की सलाह के गर्भनिरोधक गोली का सेवन किया। जटिलताएं अधिक होने पर भर्ती होने की नौबत आ गई। इस समस्या को देखते हुए स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉ.शैली अग्रवाल ने विभागाध्यक्ष डॉ. रेनू गुप्ता, डॉ. प्रतिमा वर्मा व डॉ.विनिका सहगल के साथ मिलकर 400 महिलाओं पर अध्ययन किया।
यह शोध दो वर्ष तक चला, जिसमें 200 महिलाओं को छाया गोली दी गई और 200 को इंजेक्शन लगाया गया। छाया गोली का सेवन करने वाली महिलाओं ने बताया कि उन्हें अधिक जटिलताओं का सामना नहीं करना पड़ा। महावारी में भी दिक्कत नहीं हुई। इसके विपरीत जिनको इंजेक्शन लगे थे, उन्हें दर्द अधिक हुआ, महावारी अनियमित और थक्के जमने जैसी दिक्कत हुई।
दोबारा गर्भवती होने के लिए एक साल पहले से इंजेक्शन छोड़ना पड़ता है। जबकि छाया गोली नॉन हार्मोनल है, जिससे महिलाओं को जटिलता नहीं हुई। छाया गोली खून की कमी को भी पूरा करती है। दोबारा गर्भवती होने में भी समस्या नहीं आती है, महिलाएं छाया गोली खाने के एक माह बाद गर्भधारण कर सकती हैं।
स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी कर सकतीं सेवन
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ.रेनू गुप्ता ने बताया कि कुछ लोगों में भ्रम है कि जो महिलाएं बच्चों को स्तनपान करातीं है, वह छाया गोली का सेवन नहीं कर सकतीं हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। इसके मुकाबले अन्य दवा से हार्मोन में कुछ न कुछ बदलाव देखने को मिलने लगते हैं। छाया गोली महिलाओं के लिए सेफ है और सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध है।
आईजेआरसीओजी में मंजूर हुई स्टडी
डॉ. शैली अग्रवाल ने बताया कि अनचाहे गर्भ को हटाने के लिए इंजेक्शन के मुकाबले छाया गोली के प्रति महिलाओं ने अधिक रूचि दिखाई है। इस स्टडी को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिप्रोडक्शन, कॉन्ट्रासेप्शन, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी ने मंजूर कर लिया है।