Bareilly: एयरफोर्स के प्रतिबंधित क्षेत्र में नहीं रुके निर्माण तो सख्त हुआ रक्षा मंत्रालय, ब्योरा मांगा

त्रिशूल की दीवार से सौ मीटर की दूरी के अंदर 14 गांवों और कॉलोनियों में बने सारे भवनों और उनके मालिकों का ब्योरा मांगा

Bareilly: एयरफोर्स के प्रतिबंधित क्षेत्र में नहीं रुके निर्माण तो सख्त हुआ रक्षा मंत्रालय, ब्योरा मांगा

राकेश शर्मा, बरेली। आबादी से घिरे त्रिशूल एयरफोर्स स्टेशन की बाहरी दीवार से सौ मीटर दूरी तक प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण कार्यों और पेड़ लगाने पर रोक नहीं लग पा रही है। अब एयरफोर्स की रिपोर्ट पर सख्त हुए रक्षा मंत्रालय ने प्रतिबंध क्षेत्र के 14 गांवों और कॉलोनियों में बने भवनों और उनके मालिकों का पूरा ब्योरा तलब कर लिया है। एयरफोर्स स्टेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ग्रुप कैप्टन मुदित माथुर ने इस बारे में जिला प्रशासन को चिट्ठी लिखी है।

रक्षा मंत्रालय ने 13 जनवरी 2010 को एक आदेश जारी कर एयरफोर्स स्टेशन के बम भंडार क्षेत्र की बाहरी चारदीवारी के साथ नौ सौ मीटर और दूसरी चारदीवारी से सौ मीटर दूरी तक को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया था। इस प्रतिबंध के तहत इस क्षेत्र में सभी तरह के निर्माण कार्यों और पेड़ लगाने जैसे कामों पर रोक लगा दी गई थी। यह राजपत्र अब भी मान्य होने के बावजूद इस क्षेत्र में पेड़ लगाने या भवनों का निर्माण कराने जैसे काम नहीं रुके हैं।

इसी सिलसिले में त्रिशूल एयरफोर्स स्टेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ग्रुप कैप्टन मुदित माथुर की ओर से 2 जनवरी को जिला प्रशासन को चिट्ठी लिखी गई है। इसमें कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय की ओर से प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करने के संबंध में 19 फरवरी 2011 को तत्कालीन जिलाधिकारी ने भी अधिसूचना जारी की थी ताकि प्रतिबंधित क्षेत्र में कोई निर्माण कार्य कराने या पेड़ लगाने जैसे काम रोके जा सकें लेकिन भारत सरकार के इस नियम का पूरी तरह पालन नहीं हुआ है।

प्रशासन और बीडीए के अफसरों के साथ बैठ कों कानहीं निकला नतीजा तो रक्षा मंत्रालय भेजी रिपोर्ट
एयरफोर्स स्टेशन की ओर से प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के संबंध में नियमित रूप से जिला प्रशासन और बीडीए के अफसरों के साथ पत्राचार के साथ कई विभागीय बैठकें भी कीं। इन बैठकों में इस मुद्दे पर उनसे कार्रवाई का भी अनुरोध किया गया। एयरफोर्स की ओर से सौ मीटर के क्षेत्र में आने वाले सभी गांवों और कॉलोनियों काे भी चिह्नित किया गया था, क्योंकि यहां प्रतिबंध का पूरी तरह पालन नहीं हो रहा था। एयरफोर्स की इसी रिपोर्ट पर रक्षा मंत्रालय ने इस परिधि में आने वाले सभी भवनों के साथ जमीन के मालिकों का विवरण मांगा है।

ये गांव और कॉलोनियां हैं एयरफोर्स के रडार पर
मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने एडीएम फाइनेंस को चिट्ठी भेजने के साथ इसकी कॉपी नगर आयुक्त, बीडीए उपाध्यक्ष, एसडीएम सदर और तहसीलदार सदर को भी भेजी है। उन्हाेंने जिला प्रशासन से एयरफोर्स स्टेशन की बाहरी दीवार से सौ मीटर तक की दूरी के अंदर स्थित जिन गांवों और कॉलोनियों के भवनों और उनके मालिकों का ब्योरा मांगा है, उनमें ततारपुर, गिरधारीपुर, गायत्री नगर, संतनगर, आलोक नगर, कंजादासपुर, परतापुर जीवन सहाय, कुर्मांचल नगर, सन सिटी विस्तार फेस-एक, पीरबहोड़ा, चावड़ गांव, हाजीपुर ब्रजलाल, नगरिया कलान और कर्मपुर चौधरी (रेलवे लाइन पार) शामिल हैं।

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