कासगंज : पुत्रदा एकादशी का वृत रखने और परिक्रमा लगाने से होती है संतान की प्राप्ति

हर हर गंगे के जयकारों के साथ श्रद्धालुओ ने लगाई पंचकोसीय परिक्रमा

कासगंज : पुत्रदा एकादशी का वृत रखने और परिक्रमा लगाने से होती है संतान की प्राप्ति

सोरों, अमृत विचार। शुक्रवार को ब्राह्मण कल्याण सभा के तत्वावधान में पंचकोसी परिक्रमा का आयोजन किया गया। पौष मास की शुक्ल पक्ष एकादशी पुत्रदा एकादशी पर सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरि की पौड़ी के वराह घाट पहुंचे। उन्होंने गंगाजी के पवित्र जल में स्नान किया। वराह मंदिर में पहुंचकर पूजा अर्चना की।

श्रद्धालुओं ने भगवान वराह व मां गंगा के जयकारे लगाते हुए पंचकोसी परिक्रमा प्रारंभ की। श्रद्धालु ढोलक व मंजीरा बजाते हुए हरि नाम का संकीर्तन करते परिक्रमा पथ पर आस्था के पग बढ़ाते चले जा रहे थे। जय भगवान वराह और हर हर गंगे के जयकारों के साथ पंचकोसी परिक्रमा लगा रहे श्रद्धालु जय-जय सिया राम दशरथ राज दुलारे राम कौशल्या के प्यारे राम आदि भजन गाते हुए परिक्रमा को राममय बना रहे थे। परिक्रमा संयोजक शरद कुमार पांडे ने कहा कि पुत्रदा एकादशी का व्रत करने साधकों को धर्म एवम मोक्ष की प्राप्ति होती है, निसंतानों को संतान सुख मिलता है। पंचकोसी परिक्रमा करने से देव धन, समृद्धि से परिपूर्ण रहने का आशीर्वाद देते हैं। श्रद्धालुओं ने परिक्रमा मार्ग पर स्थित सूर्य कुंड, सीताराम जी मंदिर, सिद्ध पीठ बटुकनाथ, चंद्रकूप , 84 घंटे वाली मैया, बाछरु देव, सिंगल वाले महाराज, भागीरथी गुफा, वनखंडेश्वर महादेव, करुआदेव आदि मंदिरों में पहुंचकर भजन कीर्तन किए। इस मौके पर सोनू पंडित, शिवानंद उपाध्याय, शशांक दीक्षित, सुरेंद्र महेरे, राम गोविंद महेरे, ईश्वरी प्रसाद, खूब सिंह राजपूत, भोजराज, लखन सिंह, विनोद दीक्षित,रामचंद्र, गीतम सिंह,  रजत कुमार, सुभाष बाबू, अंजू भावना, अंजू,  राजपाल, गुंद्र गंज, वीरेंद्र, प्रदीप उपाध्याय, केशव देव, आयुष उपाध्याय, अशोक पांडे, गिरिजा शंकर उपाध्याय, केशव देव, रावत,जयप्रकाश त्रिवेदी, राजकुमार गॉड, गंगाराम, सुमन मिश्रा, लकी मिश्रा, रामबाबू मिश्रा, सतीश चंद्र शर्मा , शेर सिंह, रामकिशोर, भोजराज, रामदयाल, तेजपाल, किशन लाल, विद्याराम, कीर्ति पांडे, रिंकी,नीलम, प्रभादेवी तिवारी, विद्या देवी, रतन देवी, करण सिंह, सुरेश बाबू, सुभाष बाबू ,अंजू,भावना , अंशु,आयुष उपाध्याय सहित हजारों श्रद्धालुओं ने परिक्रमा लगाकर भगवान वराह का आशीर्वाद प्राप्त किया।