कासगंज: HMPV का बढ़ा खतरा, 6 महीने से बंद है ऑक्सीजन प्लांट, वायरस प्रकोप के बीच बढ़ी चिंता

कासगंज: HMPV का बढ़ा खतरा, 6 महीने से बंद है ऑक्सीजन प्लांट, वायरस प्रकोप के बीच बढ़ी चिंता

गंजडुंडवारा, अमृत विचार: देश के साथ अब उत्तर प्रदेश में भी चीन से पहुंचे कोरोना जैसे लक्षण वाले एचएमपीवी वायरस ने दस्तक दे दी है। लखनऊ में 60 वर्षीय महिला में इसके लक्षण पाए गए हैं। सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है, लेकिन कस्बे का स्वास्थ्य विभाग इस वायरस से लड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जीवनदायिनी ऑक्सीजन प्लांट छह महीने से बंद पड़ा है और उस पर ताला लगा हुआ है। साथ ही, ऑपरेटर की भी नियुक्ति नहीं की गई है।

इसी बीच, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के बढ़ते मामलों ने लोगों के बीच चिंता बढ़ा दी है। इस वायरस में बुखार, खांसी-खराश, बार-बार छींक आने और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण मिल रहे हैं, जो कोरोना महामारी की याद दिलाते हैं। यदि कस्बे में इस बीमारी का प्रकोप होता है, तो बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट के कारण यह स्थिति गंभीर हो सकती है। हालांकि, जिले में अभी ऐसी कोई स्थिति नहीं है, लेकिन बचाव और सावधानी के लिए ठोस तैयारियों का अभाव स्पष्ट रूप से दिख रहा है। संक्रमण रोकने के इंतजाम भी अपर्याप्त नजर आ रहे हैं।

नहीं बनी कोई कार्य योजना
जहां विभाग के वरिष्ठ अधिकारी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों को बुखार, सांस की समस्या, खांसी और सर्दी के मरीजों की जांच पर ध्यान देने के निर्देश दे रहे हैं, वहीं अस्पतालों में इस वायरस से बचाव के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। रोगियों को संकट के समय जीवनदायिनी ऑक्सीजन देने वाले प्लांट पर ताला लगा हुआ है। प्लांट तक पहुंचने वाला मार्ग भी क्षतिग्रस्त है, जिससे किसी वाहन के वहां तक पहुंचने में परेशानी होगी। यह स्थिति स्वास्थ्य विभाग की कार्य योजना पर सवाल खड़े करती है। वहीं, सीएचसी के अधिकारी केवल इमरजेंसी वार्ड में 30 बेड होने की बात कहकर स्थिति को संतोषजनक बताने का प्रयास कर रहे हैं।

टेक्नीशियन के अभाव में बंद है प्लांट
सीएचसी में स्थित ऑक्सीजन प्लांट लंबे समय से टेक्नीशियन की कमी के कारण बंद पड़ा है। विभाग ने कोविड के दौरान नियुक्त आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी थीं, जिससे अब प्लांट को चलाने वाला कोई नहीं है। हालांकि, अस्पताल में कुछ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं, जो आपात स्थिति में मरीजों को राहत दे सकते हैं। प्लांट पर पूर्व में तैनात कर्मी ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट लंबे समय से बंद है, जबकि इसे सुचारु बनाए रखने के लिए हर तीन दिन में एक बार चलाया जाना आवश्यक है।

टेक्नीशियन की नियुक्ति के आभाव मे आक्सीजन प्लांट बंद है। नियुक्ति होने पर ही यह सुचारू हो सकेगा। वहीं केंद्र पर कोविड के दौरान की गई 30 इमरजेंसी बेड की सुविधा मौजूद है– डॉ. आकाश, सामुदायिक केंद्र अधीक्षक, गंजडुंडवारा।

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