हल्द्वानीः 20 को विवि स्वर्ण पदक, 2 कुलाधिपति स्वर्ण पदक व 13 को दी पीएचडी की उपाधि

हल्द्वानीः 20 को विवि स्वर्ण पदक, 2 कुलाधिपति स्वर्ण पदक व 13 को दी पीएचडी की उपाधि

हल्द्वानी, अमृत विचार: उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) के 9वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने 20 शिक्षार्थियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, 2 शिक्षार्थियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 13 छात्रों को पीएचडी की उपाधि, और 3 छात्रों को प्रायोजित स्वर्ण पदक प्रदान किए। कार्यक्रम में 2023-24 शैक्षिक सत्र के 17,088 शिक्षार्थियों को स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि दी गई।


राज्यपाल ने समारोह में उड़ान पुस्तक का विमोचन किया और डॉ. हेमचंद्र को मानद उपाधि से सम्मानित किया। इसके साथ ही, 17,088 छात्रों की उपाधियों का डीजी लॉकर से शुभारंभ किया।
 उन्होंने विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदेश के जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार कर रहा है और दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी के सामने एआई, मेटा, क्वांटम आदि के रूप में एक बड़ी चुनौती आ रही है। कहा कि इनको समझने के लिए तकनीक के साथ जुड़ना होगा। हमारी सभ्यता ,संस्कृत और वेद, पुराणों ने जो सिखाया है, उसे समझने के लिए नई तकनीक के साथ जुड़ना होगा। 

छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा और तकनीकी नवाचार के माध्यम से भारत को दुनिया में सबसे आगे लाने के लिए हमें आत्मविश्वास और संकल्प के साथ कार्य करना होगा।  सभी को मिलजुलकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा। उन्होंने  कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की सफलता से गर्व महसूस हो रहा है क्योंकि अब बेटियां हर क्षेत्र में सफलता की नई मिसाल पेश कर रही हैं।  राज्यपाल ने विवि की सराहना करते हुए कहा कि विवि दिव्यांगजनों के लिए विभिन्न कार्यक्रम संचालित कर रहा है। दिव्यांग छात्रों को पढ़ाने के लिए विवि शिक्षकों को तैयार कर रहा है। विश्वविद्यालय में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ने से पता चलता है कि विवि के प्रति छात्रों का भरोसा बढ़ रहा है।    राज्यपाल ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय ने ऐसे  लोगों को अवसर उपलब्ध कराए हैं, जो किसी कारण से औपचारिक शिक्षा नहीं ले सके और  अपनी अकादमिक योग्यता को बढ़ाना चाहते थे। विवि ने उच्च शिक्षा को जन-सामान्य तक पहुंचाया और  कामकाजी लोगों सहित विभिन्न आयु वर्ग के लोगों ने इस शिक्षा प्रणाली का लाभ उठाया है।

उच्च शिक्षा की पहुंच को बढ़ाने में दूरस्थ शिक्षा की सराहनीय भूमिका रही है। दूर-दराज के इलाकों, ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने में विवि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।  इस दौरान डीएम वंदना, प्रो. दुर्गेश पंत, आरसी बिंजोला, सिटी मजिस्टेट एपी बाजपेयी, उपजिलाधिकारी पारितोष वर्मा, विश्वविद्यालय कुलसचिव खेमराज भटट, विश्वविद्यालय के समस्त शाखाओं के निदेशक, प्राध्यापक व कर्मचारी उपस्थित रहे।