PM मोदी ने ग्रामीण भारत महोत्सव का किया उद्घाटन, कहा- 2014 से ही गांव के लोगों की सेवा में लगा हूं
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने ग्रामीण भारत महोत्सव का उद्घाटन किया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह 2014 से गांव के लोगों की सेवा में लगे हैं। बता दें कि कि इस महोत्सव का विषय विकसित भारत 2047 के लिए एक समावेशी ग्रामीण भारत का निर्माण करना है और इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता की भावना और सांस्कृतिक विरासत की सराहना करना है। पीएम मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में इस महोत्सव का उद्घाटन किया।
Our vision is to empower rural India by transforming villages into vibrant centres of growth and opportunity. Addressing the Grameen Bharat Mahotsav in Delhi. https://t.co/XZ20St4QX9
— Narendra Modi (@narendramodi) January 4, 2025
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से ही मैं लगातार, हर पल ग्रामीण भारत की सेवा में लगा हूं। गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना मेरी सरकार की प्राथमिकता है। हमारा विजन है, भारत के गांव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गांव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उन्हें पलायन न करना पड़े, गांव के लोगों का जीवन आसान हो, इसलिए हमने गांव-गांव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए बहुत आवश्यक है कि गांव के हर वर्ग के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं। दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने 'पीएम फसल बीमा योजना' को एक वर्ष अधिक तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कुछ लोग जाति की राजनीति के नाम पर शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं और देश के ग्रामीण इलाकों में सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए ऐसी साजिशों को विफल किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने ग्रामीण भारत महोत्सव का उद्घाटन करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में गांव महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मोदी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग जाति की राजनीति का जहर फैलाकर शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें गांवों की शांति और सद्भाव की विरासत को मजबूत करने के लिए काम करना होगा।’’ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा ग्रामीण विकास के लिए 2014 से उठाए गए कदमों को याद करते हुए मोदी ने एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ग्रामीण भारत में गरीबी 2012 के 26 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत से नीचे आ गई है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों की उपेक्षा की और आजादी के दशकों बाद भी गांवों को बुनियादी जरूरतों से वंचित रखा गया लेकिन उनकी सरकार गांवों को सशक्त बना रही है और उन लोगों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो पहले उपेक्षित थे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अवसर पर कहा कि बैंकों ने प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा और प्रधानमंत्री स्वनिधि सहित 16 सरकारी योजनाओं के लिए संतृप्ति अभियान चलाया है। महोत्सव में विभिन्न चर्चाओं, कार्यशालाओं और अन्य माध्यमों से ग्रामीण बुनियादी ढांचे को विकसित करने, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण करने और ग्रामीण समुदायों के भीतर नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर रहेगा। इसके उद्देश्यों में वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहन देकर पूर्वोत्तर भारत पर विशेष ध्यान देते हुए ग्रामीण आबादी में आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देना शामिल है।