Bareilly: नगर निगम में पैसों का खेल! पार्षदों ने लगाए कई गंभीर आरोप, मेयर ने अफसरों की दी कार्रवाई की चेतावनी

हंगामे और शोरशराबे के बीच 699 करोड़ का पुनरीक्षित बजट किया गया मंजूर

Bareilly: नगर निगम में पैसों का खेल! पार्षदों ने लगाए कई गंभीर आरोप, मेयर ने अफसरों की दी कार्रवाई की चेतावनी

बरेली, अमृत विचार: नगर निगम में पुनरीक्षित बजट की बैठक में शुक्रवार को पार्षदों की ओर से एक से बढ़कर एक गंभीर आरोप उछले। अफसरों पर बोर्ड के आदेशों की अवहेलना के आरोप से हंगामा शुरू हुआ तो पैसे लेकर अतिक्रमण कराए जाने, हाउस टैक्स कम करने और सफाई में गोलमाल के आरोपों तक जारी रहा। वादों के अनुरूप वार्डों में 50-50 लाख के निर्माण कार्य न होने, 50-50 लाइटें न लगने और बंदर-कुत्तों को न पकड़े जाने के मुद्दों पर भी जमकर शोरशराबा हुआ। इसी बीच 699 करोड़ का बजट मंजूर किया गया।

दोपहर करीब 3 बजे नगर निगम के पुराने भवन के सभागार में मेयर उमेश गौतम की अध्यक्षता में बैठक शुरू होते ही पार्षदों ने अधिकारियों को उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए घेरना शुरू कर दिया। बोर्ड की बैठकों में लिए जाने वाले फैसलों का पालन न किए जाने के आरोप लगने पर मेयर ने पार्षदों को आश्वस्त किया कि ऐसे अफसरों को चिह्नित कर उनके खिलाफ अगली बैठक में निंदा प्रस्ताव लाया जाएगा। सपा के पार्षदों ने इसके बाद भी सवालों की झड़ी लगाए रखी। कहा, सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। साल के पहले दिन शहर में कूड़ा नहीं उठा, हाउस टैक्स बिलों की गड़बड़ियों से हजारों लोग परेशान हैं।

इन दोनों मुद्दों पर करीब एक घंटे हंगामा हुआ। पार्षदों ने विकास कार्यों की गति धीमी होने और कई वार्डों में काम न कराए जाने का भी आरोप लगाया। स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार, टैक्स विभाग में मनमानी और अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने वाली टीम पर वसूली के आरोप लगाए। कहा, जो लोग पैसे दे रहे हैं, उनकी दुकानें नहीं हट रही हैं। इस पर मेयर ने राजस्व निरीक्षक विवेक को हटाने के आदेश दिया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी को भी सुधार न करने पर अगली बैठक में निंदा प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी।

इस बीच लेखाधिकारी अनुराग सिंह ने 697 करोड़ का बजट पेश किया जिसे 699 करोड़ करके मंजूर कर दिया गया। बैठक में नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य, अपर नगर आयुक्त सुनील यादव, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप मिश्रा, चीफ इंजीनियर मनीष अवस्थी, उपसभापति सर्वेश रस्तोगी, छंगामल मौर्य, जयप्रकाश राजपूत, नीरज, हरिशंकर राजपूत, अब्दुल कय्यूम मुन्ना आदि पार्षद और अधिकारी मौजूद रहे।

मंदिर सील करने पहुंच गए, शराब की दुकान सील नहीं हुई
पार्षद अलीम सुल्तानी ने बताया कि उनके वार्ड में एक व्यक्ति पर हाउस टैक्स का 15 लाख बकाया है। उन्होंने पिछली बार भी बताया लेकिन उसका भवन अब तक सील नहीं हुआ। मेयर ने इस पर सीटीओ प्रदीप मिश्र से जवाब मांगा। कहा, आप बांके बिहारी मंदिर को तो तुरंत सील करने पहुंच गए लेकिन जहां 20-25 दुकानों के साथ शराब की भी दुकान है, उसे अब तक सील नहीं किया। सीटीओ ने मंदिर मामले में गलती मान ली। मेयर ने कहा कि इस साल सीलिंग की कार्रवाई यहीं से शुरू करें वर्ना कोई भवन सील नहीं होगा।

शोर: नगर स्वास्थ्य अधिकारी झूठ बोल रहे हैं
बरेली: अधिकारियों के खिलाफ फोन न उठाने और कार्यकारिणी और बोर्ड के आदेशों का पालन न करने के साथ पार्षदों ने भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए। तमाम पार्षदों ने खड़े होकर नगर स्वास्थ्य अधिकारी को हटाने की मांग शुरू कर दी। पार्षदों के आरोपों पर मेयर ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भानु प्रसाद से जवाब मांगा तो उन्होंने आरोपों को गलत बताते हुए सभी आदेशों का पालन किए जाने की बात कही। इस पर शोर होने लगा कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी झूठ बोल रहे हैं। इन्हें तुरंत हटाया जाए।

टैक्स में चल रहा सेटिंग का खेल, मेरे पास हैं प्रमाण
पार्षद राजेश अग्रवाल ने टैक्स विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि धार्मिक स्थलों पर भी बकाया दिखाया जा रहा है। ऐसे भी भवन हैं जिन्हें दो-दो करोड़ टैक्स का नोटिस दिया गया है। जिला जेल की 46 आईडी बनाई गई हैं। पटेल चौक के पास एक शोरूम के बिल कम कर दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि टैक्स विभाग स्वकर फार्मों की तो जांच कर रहा है लेकिन बड़े भवनों पर सेटिंग का खेल चल रहा है। उनके पास इस सब गोलमाल के सुबूत भी हैं। पार्षद ने मेयर के सामने एक नोटिस रखते हुए आरोप लगाया कि टैक्स जमा न करने पर धमकियां तक दी जा रही हैं। इस पर मेयर ने मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र से जवाब मांगा। मेयर ने कहा कि विभाग को भवन सील करने का अधिकार है या नहीं, इसका जवाब दें। इस पर काफी देर तक हंगामा होता रहा।

वार्डों को न 50-50 लाख मिले, बंदर-कुत्तों से मुक्ति
सपा पार्षद दल के नेता गौरव सक्सेना ने 50-50 लाख धनराशि से नए विकास कार्यो के टेंडर न होने का मामला उठाया। कहा, दिवाली पर हर वार्ड में 50-50 नई लाइटें लगाने का वादा किया गया था लेकिन सिर्फ पांच लाइट लगीं। बंदरों और कुत्तों से पूरा शहर परेशान है, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। गौरव ने कहा कि लखनऊ गाजियाबाद नगर निगमों की तरह प्रत्येक वार्ड में समान रूप से विकास कार्यों के लिए एक से डेढ़ करोड़ का कोटा तय होना चाहिए। इसपर मेयर ने अलग बैठक कर फंड तय करने की बात कही। पार्षद शशि सक्सेना ने भी अपने वार्ड में लकड़ी नीलामी की बात कही। उद्यान प्रभारी ने किसी भी लकड़ी की नीलामी होने की बात से इन्कार करने पर नीलामी का पत्र सदन को दिखाया।

जरा अपने ऊपर देखिए
सतीश कातिब मम्मा ने सभागार की छत में लग रही दीमक की ओर इशारा करते हुए पूछा कि यही सफाई व्यवस्था है। हम लोगों के ऊपर चूना गिर जाएगा। ठीक उसी के नीचे नगर स्वास्थ्य अधिकारी बैठे हैं। जरा अपने ऊपर देखिए क्या है। यह लापरवाही नहीं तो क्या है। वार्डों का क्या हाल होगा। इस पर भी कुछ देर के लिए हंगामा हुआ।

पार्षद आज बाकरगंज प्लांंट देखने जाएंगे
बाकरगंज में कूड़े पहाड़ का मामला उठा तो पर्यावरण अभियंता राजीव राठी ने बताया कि वहां प्लांट में कूड़ा निस्तारण किया जा रहा है। चाहें तो वहां चलकर देख लें। इस पर मेयर ने पार्षदों से कहा कि शनिवार को वे मौके पर जाकर देखें और बताएं। कई पार्षदों ने मौके पर जाने की हामी भरी।

किसी मद में घटा, किसी में बढ़ा बजट
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन से नगर निगम को 2023-24 में 2.84 करोड़ की आमदनी हुई थी। 2024-25 में इस लक्ष्य को आठ करोड़ कर दिया गया था। बताया गया कि इसके सापेक्ष सितंबर तक 1.29 करोड़ की आमदनी हुई है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली एजेंसियों पर नगर निगम ने 2023-24 में चार करोड़ से ज्यादा खर्च किया था जिसे घटाकर तीन करोड़ करने के आदेश हुए थे। सितंबर 2024 तक इस मद में 1.60 करोड़ से ज्यादा खर्च हुआ। अब इसे बढ़ाकर पांच करोड़ कर दिया गया है। इसके अलावा 332 पार्कों के रखरखाव के लिए पहले 3.75 करोड़ का बजट था जिसको घटाकर 2.75 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

 

बजट-
प्रारंभिक अवशेष : 1.51 अरब
प्राप्तियां : 5.45 अरब
योग : 6.97 अरब
कुल बजट : 699 करोड़
आमदनी: 699 करोड़
खर्च : 681 करोड़
अंतिम अवशेष : 20.61 करोड़

 

आमदनी के स्रोत-
विज्ञापन शुल्क 5.50 करोड़
जलकर 38 करोड़
सीवर कर 15 करोड़
दुकान किराया 3 करोड़
वधशाला 4 करोड़
गृहकर 59 करोड़
कान्हा पशु आश्रय योजना 3 करोड़
कान्हा गोशाला एवं बेसहारा योजना 2 करोड़
अंत्येष्टि स्थलों का विकास 2 करोड़
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम 40 करोड़
सीएम ग्रिड 2 करोड़
अवस्थापना 5 करोड़
राज्य वित्त आयोग 1.90 अरब
15 वां वित्त आयोग टाइड फंड 54 करोड़
15 वां वित्त आयोग अनटाइड फंड 47 करोड़
स्वच्छ भारत मिशन 5 करोड़
अमृत योजना 2 करोड़
नगरीय सौर पुंज योजना 1.5 करोड़
नगर निगम करेगा खर्च
सड़क नाली निर्माण 60 करोड़
भवनों की मरम्मत 3 करोड़
पार्कों के सौन्दर्यीकरण 2.75 करोड़
कान्हा उपवन पर 3 करोड़
मलिन बस्तियों पर 12 करोड़
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन 12 करोड़
डलावघर से कूड़ा उठान 12 करोड़

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