दुकानों पर ''टोंटी'' तक नहीं, भेज दिया लाखों का बिल, परेशान दुकानदार
लखनऊ, अमृत विचार: टोंटी है न दुकानों से पाइप लाइन ही जुड़ पाई है। लेकिन बिना जलापूर्ति के ही दुकानदारों को डेढ़ से दो लाख रुपयों का बिल थमा दिया गया है। स्थानीय लोग और व्यापारी दोनों परेशान हैं। करें तो क्या? बात नाका स्थित विजय नगर बाजार की है जहां सहूलियतों के नाम पर उन्हें कुछ नहीं मिल पा रहा है। पार्किंग की समस्या तो है ही जाम से भी लोग कराह रहे हैं। अमृत विचार आपके द्वार की टीम पहुंची तो व्यापारियों ने अपनी समस्याएं साझा कीं और उन्हें निस्तारित कराने को कहा।
पूरे बाजार में खरीदकर पिया जाता है पानी
व्यापारियों ने बताया कि पानी खरीदकर इस्तेमाल करते हैं। पेयजल की व्यवस्था बाजार में अब तक नहीं हो सकी है। दिलचस्प यह है कि बिना टोंटी और पानी लिए ही वह लाखों रुपये के बकायेदार बन गए हैं।
विजयनगर बाजार में ही करीब दस कांप्लेक्स, पार्किंग नहीं
बाजार में करीब 10 बड़े-छोटे प्लाजा व कॉम्पलेक्स हैं। इनमें 550 से अधिक दुकानें हैं। इन दुकानों पर रोजाना प्रदेश से थोक व फुटकर व्यापारी खरीदारी के लिए आते हैं। लेकिन, पूरे बाजार में दो पहिया वाहन खड़ा करने की जगह नहीं है न ही पार्किंग बनी है।
आगे बढ़ो... आगे बढ़ो... कहकर गाड़ी आगे ले जाने को कहते हैं व्यापारी सड़कें संकरी हैं। ऊपर से कोढ़ में खाज अतिक्रमण बन जाता है। दोनों तरफ के कब्जे आधी सड़क लील चुके हैं। जिस दुकान के पास सड़क पर दो पहिया वाहन खड़ा करने की कोशिश ग्राहक करता है तो दुकानों से आगे बढ़ो...आगे बढ़ो और गाड़ी और कहीं ले जाओ का शोर उन्हें सुनना पड़ जाता है। दुकानदारों के मुताबिक नगर निगम सही प्रयास तो करे, पार्किंग बनाई जा सकती है। पुल के पास कुछ लोगों ने गमले रखकर कब्जा कर रखा है। यहां भी पार्किंग बनाई जा सकती है।
तारों का जाल जानलेवा, दमकल पहुंचने तक का नहीं रास्ता
विजय नगर बाजार में जगह-जगह बिजली के पोलों पर तारों का जाल है। इनसे बारिश में करंट आता है और स्पार्किंग भी होती है। वहीं, बाजार में यदि किसी तरह की घटना हो जाए तो अंदर दमकल गाड़ी जाने के लिए जगह नहीं है। पूर्व में आग की घटनाएं हो भी चुकी है। आग पाइप डालकर आग बुझाई गई थी। वहीं, सुरक्षा की बात करें तो दुकानदार खुद दुकानों की सुरक्षा करते हैं।
रविवार को नहीं लगती झाड़ू, जगह-जगह गंदगी
बाजार में साफ-सफाई के नाम पर खानापूरी होती है। इससे सड़कों पर गंदगी और नालियां बजबजाती हैं। दुकानों के पास कूड़े का ढेर लगा रहता है। खासकर रविवार को सफाई कर्मी नहीं आते हैं। दुकानदारों का कहना है कि गुरुवार को बाजार बंद रहता है। यदि बंदी के दिन ही अच्छे से सफाई की जाए तो इतनी दिक्कत नहीं होगी। कई बार नगर निगम को अवगत करा चुके हैं।
बाजार में एक भी महिला पुरुष शौचालय नहीं
विजयनगर के पूरे बाजार में एक भी महिला व पुरुष शौचालय नहीं है। बुजुर्गों के बैठने तक की जगह नहीं है। पुल पर गमले लगा कब्जा कर लिया गया है तो दूसरी तरफ भी अस्थायी कारोबार जारी है।
बोले व्यापारी
बाजार में वाहन खड़ा करने की जगह नहीं है। रविवार को सफाई नहीं होती है। बिना कनेक्शन के पानी का लाखों रुपये बिल आ रहा है। जो ग्राहक आते है उन्हें हम खरीदकर पानी पिलाते है। किस नियम के तहत पानी का बिल भेजा जा रहा है हमारी समझ से परे है।
-नितिन श्याम अग्रवाल, अध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
बाजार में जगह-जगह तारों का जाल है। इनमें करंट उतर आता है। दुकानों पर दो बार आग लग चुकी है। पार्किंग न होने के कारण बाइकें सड़कों पर खड़ी होती हैं। इस वजह से फायर ब्रिगेड नहीं पहुंच पाती है।
- केके अग्रवाल, मंत्री, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
बाजार में करीब 10 प्लाजा व 550 से ज्यादा दुकानें हैं। जो लाखों रुपये टैक्स देती हैं। उसके बाद भी व्यापारियों और यहां आने वाले ग्राहकों को सुविधाएं नहीं मिलती हैं।
–एमएस सोठी, उपाध्यक्ष
पेड़ वाले बाबा की आड़ में जबरदस्ती सड़क पर ही कब्जा कर लिया गया है जिससे जाम लगता है। अस्थायी कारोबार साथ में चलता रहता है। जब विरोध करो तो कब्जा करने वाले लड़ाई पर अमादा हो जाते हैं।
–संतोष गुप्ता
दुकान पर किसी भी प्रकार की पानी की लाइन नहीं है लेकिन जलकल विभाग ने लंबा बिल भेज दिया है। यह सिर्फ मेरे साथ नहीं बल्कि सभी व्यापारियों के साथ ही किया गया है।
–नरेन्द्र पाल सिंह, मंत्री
इस बाजार में सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। यहां पर रोजाना सैकड़ों गाड़ियां आती हैं जो पार्किंग न होने की वजह से सड़क पर खड़ी की जाती हैं। यही जाम इस बाजार की अहम समस्या बनता है।
-जय मिगलानी, महामंत्री
ज्यादातर दुकानदारों ने अपनी दुकान को बढ़ाकर लगा रखा है जिसकी वजह से सड़क छोटी हो गयी है और आने-जाने वाले वाहनों को निकलने में परेशानी होती है। सड़क पर कब्जे होने से मार्ग सकरा हो गया है।
-कमल गुलाटी, युवा टीम मंत्री
-यहां सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं है। नगर निगम कर्मचारी नियमित नहीं आते हैं जिसकी वजह से कूड़े का ढेर लगा रहता है। सफाई होनी चाहिए। -मोहन कुमार
यहां पर पानी की तीन टंकी है जिनमें से दो कार्य नहीं कर रही हैं जिसकी वजह से पानी की समस्या यहां बनी रहती है। एक ही टंकी बाजार की जरूरतें पूरी कर रही है।
–विशाल लखमानी
यहां पूरे प्रदेश से खरीदारी करने छोटे और मझोले व्यापारी आते हैं लेकिन उनके लिए यहां न तो पेयजल की व्यवस्था है और न ही शौचालय की व्यवस्था है।
–देवेन्दर सिंह गुल्लू
पूरा नाका बाजार अतिक्रमण की चपेट में है। यहां रोजाना जाम लगा रहता है जिसका जिम्मेदार यहां पर अवैध रूप से कब्जा किये दुकानदार है। यातायात और स्थानीय पुलिस भी सख्ती नहीं दिखाती है।
–राम चंदर यादव