लखीमपुर खीरी : दुधवा जंगल से जलौनी लकड़ी के नाम पर साल-साखू की हो रही तस्करी
पिकअप में भरकर सीतापुर के लहरपुर तक पहुंचाई जाती है लकड़ी
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। दुधवा नेशनल पार्क की बेलरायां वन रेंज के तहत पार्क कर्मचारियों की सांठगांठ से जलौनी लकड़ी के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है। लकड़ कट्टे बेशकीमती साखू और साल की लकड़ी का घर पर चिरान कर उसकी तस्करी कर रहे हैं। प्रतिदिन दो पिकअप लकड़ी भरकर सीतापुर जिले के लहरपुर को भेजी जाती हैं। साथ ही ईंट-भट्ठों पर भी सप्लाई की जा रही है।
दुधवा नेशनल पार्क की बेलरायां वन रेंज क्षेत्र में बेशकीमती साल और सागौन के कटान का कारोबार काफी लंबे अर्से से चला आ रहा है। करीब तीन साल पहले तक पार्क प्रशासन की सख्ती के कारण कटान पर अंकुश लगा था, लेकिन वर्तमान समय में कटान ने एक बार फिर तेजी पकड़ी है। यह खेल जलौनी लकड़ी के नाम पर वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से खुलेआम चल रहा है। लकड़ी माफिया जलौनी लकड़ी के नाम पर दुधवा नेशनल पार्क से साल और सागौन की मोटी लकड़ियां काटकर लाते हैं और इलेक्ट्रिक आरी से चिरान कर लकड़ियों को पिकअप में भरकर बाहर भेजते हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रतिदिन दो पिकअप लकड़ी बेलरायां से सुबह चार बजे लहरपुर के लिए जाती है। यह पूरा खेल वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की सांठगांठ से कुछ लकड़कट्टों के साथ मिलकर किया जा रहा है।
वनकर्मी दो सौ रुपए प्रति साइकिल करते हैं वसूली
विभागीय सूत्र बताते हैं कि लकड़ी के इस कारोबार में पार्क रेंज के साथ ही वन चौकी भैरमपुर, शीतलापुर, बेलापरसुआ पर तैनात कुछ कर्मचारियों ने अपने कार्य खास रखे हैं, जो अपने कार्य खास से प्रति साइकिल 200 रुपए की वसूली कराते हैं। बेलरायां पार्क रेंज में यह वसूली एक युवक से कराई जाती है, जो पार्क के खुदी नाली पर बैठकर साइकिल वालों से वसूली करता है।
सवाल: प्रतिबंध तो कैसे जंगल से आ रही जलौनी लकड़ी
दुधवा पार्क प्रशासन ने करीब दस साल पहले जंगल से खर फूस की निकासी के साथ ही जलौनी लकड़ियों पर रोक लगा रखी है। यहां तक जंगल में पशुओं को चराने के साथ ही आम लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगी है। इसके बाद भी बड़ी तादाद में जलौनी लकड़ी के नाम पर बेशकीमती पेड़ों का कटान कर लकड़ी लाई जा रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि प्रतिबंध होने के बाद भी दुधवा पार्क प्रशासन इस पर क्यों नहीं अंकुश लगा पा रहा है।
जंगल में किसी आम व्यक्ति के जाने और जलौनी लकड़ी लाने पर पूरी तरह से रोक है। इसकी जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. रंगा राजू टी, उपनिदेशक दुधवा नेशनल पार्क
पार्क क्षेत्र से किसी तरह की कोई लकड़ी का कटान नहीं हो रहा है। न ही कोई जलौनी लकड़ी लाई जा रही है। हो सकता है कि पिकअप से भेजी जाने वाली लकड़ी परमिट आदि से काटी गई हो। -वजीर हसन, वन क्षेत्राधिकारी पार्क रेंज बेलरायां
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