Bareilly: गिद्धों के लिए जानलेवा है निमेसुलाइड और फॉर्मूलेशन, लगी पाबंदी
बरेली, अमृत विचार: गिद्धों के लिए जानलेवा निमेसुलाइड और फार्मूलेशन पर रोक लगा दी गई है। यह प्रतिबंध केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आईवीआरआई के शोध के आधार पर लगाया है। आईवीआरआई के वैज्ञानिक अब पैरासिटामाल पर भी रिसर्च कर रहे हैं।
आईवीआरआई के प्रधान पशु वैज्ञानिक डॉ. अभिजीत पावड़े ने बताया कि इन दर्द निवारक दवाओं पर प्रतिबंध से पशुओं और गिद्धों को बचाने में काफी मदद मिलेगी। आईवीआरआई के वैज्ञानिक लंबे समय से केंद्र सरकार से वित्तपोषित 'वल्चर प्रोजेक्ट' पर काम कर रहे हैं। इसके तहत हुए अध्ययन के आधार पर ड्रग्स कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया डाइक्लोफिनिक, केटोप्रोफेन और एसिलोफोनिक दवाओं का पशुओं में प्रयोग करने पर प्रतिबंध लगा चुका है।
डॉ. पावड़े के मुताबिक ये दर्द निवारक दवाएं खाने वाले पशुओं के मरने के बाद जब उसे गिद्ध खाते तो वह दवा उनके शरीर में भी पहुंच जाती। इससे उनकी किडनी प्रभावित होती है। इसी कारण निमेसुलाइड और फार्मूलेशन पर प्रतिबंध लगाया गया है। डा. पावड़े ने बताया कि इन दवाओं के विकल्प के तौर पर मैलोक्सीकैम और टेलाफेलानिक एसिड बेहतर विकल्प है। शोध के अगले चरण में पैरासिटामाल का टेस्ट किया जा रहा है। प्रारंभिक परीक्षण में पैरासिटामाल मानकों पर खरी उतरी है लेकिन इसके परीक्षण के कुछ चरण बाकी हैं।
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