हादसे से नहीं मानी हार, ठान ली कामयाबी की रार: इटावा के पैरालंपिक खिलाड़ी अजीत सिंह यादव को मिलेगा अर्जुन पुरस्कार सम्मान
दोस्त की जान बचाने के प्रयास में ट्रेन हादसे में अजीत ने खो दिया था अपना बायां हाथ
इटावा, बीरेश मिश्र। केंद्र सरकार इटावा के पैरालंपिक खिलाड़ी अजीत सिंह यादव को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित करेगी। जिले के इतिहास में यह दूसरा मौका है, जब किसी खिलाड़ी को अर्जुन अवार्ड मिलेगा। इससे पहले भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर देवेश चौहान को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था। अजीत का बायां हाथ ट्रेन की चपेट में आकर कट गया था। पेरिस पैरालंपिक में उन्होंने दाएं हाथ से भाला फेंककर कामयाबी की कहानी लिखी थी।
इटावा जिले की भरथना तहसील के ग्राम नगला विधी (साम्हों) के मूल निवासी भाला फेंक में पैरा एथलीट किसान सुभाष चंद्र यादव के बेटे अजीत सिंह यादव उन लोगों के लिए बड़ी मिसाल हैं, जो अपनी जिंदगी में अनचाहे हादसे का शिकार होने पर उस घड़ी को कोसते रहते हैं या नियति मानकर लाचार हो जाते हैं और जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता नहीं खोजते हैं।
अजीत ने कठिनाइयों से लड़कर यह दिखाया कि आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय के साथ किसी भी बाधा या मुश्किल को पार किया जा सकता है। 5 सितंबर 1993 को जन्मे अजीत भी आम लोगों की तरह सामान्य जीवन जी रहे थे। लेकिन साल 2017 में अपने दोस्त की जान बचाने के प्रयास में उन्होंने ट्रेन हादसे में अपना बायां हाथ खो दिया। उनके बाएं हाथ में कोहनी से नीचे का हिस्सा नहीं है।
अजीत यादव मध्यप्रदेश के ग्वालियर में लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन से पीएचडी कर रहे हैं। हादसे के बाद उन्होंने पैरा ओलंपिक एथलीट के तौर पर खुद को साबित करने का संकल्प लिया। अपनी इच्छा सीनियर्स से साझा की, तो पहले सभी उनकी बात पर हैरान हुए, लेकिन उनकी जिद और जुनून के आगे हार मान ली। दुर्घटना के पांच माह बाद ही 2018 में हरियाणा के पंचकूला में हुई नेशनल पैरा एथलेटिक्स में उन्होंने हिस्सा लिया और यहीं से उनका शानदार सफर शुरू हुआ।
अजीत आज भाला फेंक में बड़े पैरा एथलीट खिलाड़ी हैं। वो पुरुषों की भाला फेंक, एफ-46 श्रेणी प्रतिस्पर्धा में भाग लेते हैं। 2019 में हुए बीजिंग पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स प्रतियोगिता में अजीत ने गोल्ड मेडल हासिल कर सूबे के साथ देश का नाम ऊंचा कर दिया। इसके बाद दुबई वर्ल्ड पैरा एथलीट चौंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया। 2022 के एशियन पैरा गेम्स में उन्होंने 63.52 मीटर दूरी तक भाला फेंककर कांस्य पदक जीता। वर्ष 2023 में पेरिस में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में अजीत ने पहला स्थान हासिल किया।
उन्होंने 65.41 मीटर भाला फेंककर दिखाया। 2024 में कोबे, जापान में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में तीसरा स्थान (62.11 मीटर) प्राप्त किया। अजीत को जनवरी 2024 में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित किया था। अब 17 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित करेंगी।