कासगंज: इस विभाग से आरटीआई के तहत जानकारी लेने में छूट जाएंगे पसीने
25 से अधिक आरटीआई के आवेदन लंबित हैं पालिका में
गंजडुंडवारा, अमृत विचार। भारत सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 लागू किया कि सरकारी विभागों में कामकाज में पारदर्शिता रहे। लेकिन नगर पालिका परिषद के अधिकारियों ने इसका भी मखौल बनाकर रखा है। बीते करीब एक साल से कुछ आरटीआई के मामलों को छोड़कर नगर पालिका के अधिकारी आरटीआई के तहत कोई सूचना नहीं देना चाहते। नगर पालिका में करीब 25 से अधिक आवेदन लंबित हैं। आवेदन करने वालों में आम आदमी ही नहीं, पत्रकार व एडवोकेट भी शामिल हैं। कुछ मामलों की अपील सूचना आयुक्त तक भी पहुंच चुकी है, बावजूद इसके अधिकारी बेखौफ हैं और लोगों को सूचनाएं नहीं मिल रहीं हैं।
जब इस अव्यवस्था के बारे में लेखाकार श्रीकांत शर्मा से बात की गई तो उनका रवैया टालमटोल वाला रहा। उन्होंने दो बार सम्पर्क करने पर कह दिया रजिस्टर कहीं दबे होंगे। जिससे पालिका के आरटीआई के प्रति रवैये का आभास हो गया। जिससे यह स्पष्ट हो गया कि नगर पालिका में आवेदनों को फाइलों में दफन कर दिए जाते हैं। विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी हुई कि अधिकत आवेदन बाबू से आगे ही नहीं बढ़ते। जिसके चलते लम्बे समय से आवेदित 25 से अधिक आवेदन लंबित हैं। दरअसल शहर में सड़क निर्माण, डीजल व्यय, दुकान आवंटन, ठेका वितरण, ठेका भुगतान, प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छता व्यवस्था सहित अन्य मामलों को लेकर कस्बावासियों ने अलग-अलग जानकारी सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांग रखी है। रिमाइंडर के बाद भी इनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर लोगों का कहना है कि अपनी गड़बडिय़ों तथा सरकारी धन के कथित रूप से हुई दुरुपयोग को छिपाने के लिए परिषद अधिकारी जान-बुझकर जानकारियों को दबाने में लगे हुए हैं। उधर ईओ सुनील कुमार ने बताया कि जनवरी 2024 से लगभग 40 आवेदन में से 25 से अधिक आवेदन लंबित हैं। जिनका सूचना संकलन लगातार चल रहा है। जल्द जबाब देने के प्रयास है।