Bareilly: नॉन अटेनमेंट शहर घोषित बरेली को मिलेंगी सैकड़ों नई डीजल बसें

प्रदेश में बरेली, लखनऊ, मुरादाबाद समेत 17 शहर घोषित हैं नॉन अटेंनमेंट शहर

Bareilly: नॉन अटेनमेंट शहर घोषित बरेली को मिलेंगी सैकड़ों नई डीजल बसें
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बरेली, अमृत विचार: नॉन अटेंनमेंट शहर घोषित बरेली, लखनऊ, मुरादाबाद समेत 17 शहरों में वायु गुणवत्ता सुधारने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग नई दिल्ली के निर्देशों के तहत शासन ने परिवहन निगम को तीन हजार नई डीजल बसें खरीदने की मंजूरी दी है। बरेली को इनमें से सैकड़ों बसें मिलने की उम्मीद है। एक हजार करोड़ की वित्तीय और प्रशासनिक मंजूरी के बाद डीजल बसों की खरीद शुरू होने की प्रक्रिया बढ़ेगी।

शासन का यह कदम नए साल में नॉन अटेंनमेंट शहरों की वायु गुणवत्ता सुधारने के क्रम में अहम माना जा रहा है। नॉन अटेंनमेंट किस शहर के लिए कितनी बसें आवंटित की जाएंगी, यह अभी तय नहीं हुआ है। प्रबंध निदेशक उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम की ओर से 23 सितंबर को लिखे गए पत्र का संज्ञान लेकर शासन स्तर पर डीजल बसों को क्रय करने के लिए अनुपूरक बजट में से एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि प्राविधानित की गयी है। डीजल बसों की खरीद को मंजूरी देने के संबंध में विशेष सचिव केपी सिंह की ओर से 24 दिसंबर को परिवहन आयुक्त को पत्र भेजा गया है।

नियमों-अधिनियमों के तहत पर्यावरणीय स्वीकृति के निर्देश
उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम को निर्देश दिए गए हैं कि वित्तीय एवं प्रशासकीय नियमों के साथ क्रियान्वयन के संंबंध में जारी पर्यावरणीय नियमों, अधिनियमों के अंतर्गत वांछित पर्यावरणीय स्वीकृति करें। साथ ही पर्यावरणीय नियमों एवं न्यायालयों/न्यायाधिकरणों द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों का समुचित अनुपालन कराएं। इसके अतिरिक्त पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से जारी निर्देशों का अनुपालन भी सुनिश्वित करने को कहा गया है। 

अहम पहलू नॉन अटेंनमेंट घोषित शहरों से जुड़ा है। उप्र एयरस्पेस, रक्षा इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2024 के क्रम में उप्र राज्य में वायु प्रदूषण की दृष्टि से 17 नॉन अटेंनमेंट शहर में बरेली, लखनऊ, गाजियाबाद, मुरादाबाद, नोएडा, आगरा, प्रयागराज, मेरठ, वाराणसी, अनपरा, फिरोजाबाद, झांसी, गोरखपुर, खुर्जा, रायबरेली, गजरौला, कानपुर चिह्नित हैं। उक्त शहरों में वायु प्रदूषण को कम करने की दृष्टि से पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिए जाने के लिए और अधिक इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाना आवश्यक है, जिससे वाहन प्रदूषण में कमी की जा सके।

यह है वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की योजना
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग नई दिल्ली की ओर से शासन को निर्देश जारी हैं कि योजना और लक्ष्य यह है कि 30 जून, 2026 तक एनसीआर से चलने वाली या वहां समाप्त होने वाली सभी बसें केवल सीएनजी/इलेक्ट्रिक वाहन मोड पर ही चलेंगी। 30 जून 2028 तक एनसीआर में शुरू होने वाली या समाप्त होने वाली पर्याप्त संख्या में बसों को केवल सीएनजी/इलेक्ट्रिक वाहन मोड पर संचालित करने की योजना बनाकर लक्ष्य बनाएं।

एनसीआर, यूपी क्षेत्र के तहत गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, बुलन्दशहर, हापुड़, शामली में सीएनजी/ इलेक्ट्रिक/बीएस VI-डीजल वाहनों को बढ़ाये जाने के लिए एक्शन प्लान के अनुरूप वाहनों की खरीद निर्धारित सीमा में कराएं। राज्य के विभिन्न शहरों से दिल्ली, एनसीआर क्षेत्र में संचालित की जाने वाली बसें सीएनजी/इलेक्ट्रिक/बीएस VI-डीजल ईंधन पर आधारित पब्लिक बसों का इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर जोर दिया है।

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