Bareilly: 10 घुसपैठियों को मिली भारतीय नागरिक, CAA के तहत चेहरे पर आई मुस्कान

परिक्षेत्र के 16 जिलों से किए गए थे 11265 आवेदन, सर्वाधिक 7990 थे पीलीभीत के

Bareilly: 10 घुसपैठियों को मिली भारतीय नागरिक, CAA के तहत चेहरे पर आई मुस्कान

शिवांग पांडेय, बरेली। घुसपैठिया कहलाने वालों को अब नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत भारतीय नागरिकता मिलनी शुरू हो गई है। जुलाई में आवेदन करने के बाद भारतीय डाक विभाग के बरेली परिक्षेत्र में अब तक 10 लोगों को नागरिकता मिली है जिनमें नौ पीलीभीत और एक लखीमपुर खीरी का व्यक्ति है। डाक विभाग के बरेली परिक्षेत्र में 16 जिले हैं जिनमें 11 ही जिलों से आवेदन किए गए थे।

सीएए के तहत भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को नागरिकता देने की शुरुआत बेहद धीमी हुई है। आवेदन की तुलना में नागरिकता पाने वालों की संख्या अभी एक प्रतिशत भी नहीं है। बरेली परिक्षेत्र में जुलाई से अब तक 11,205 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें सर्वाधिक 7990 पीलीभीत के हैं। दूसरे नंबर पर 2,017 आवेदन मेरठ के हैं, हालांकि मेरठ का अभी एक भी आवेदन मंजूर नहीं हो पाया है। शामली, बागपत, हरदोई, मुरादाबाद, अमरोहा और सहारनपुर समेत पांच जिलों से कोई आवेदन ही नहीं किया गया।

80 प्रतिशत आवेदन जिला स्तर पर खारिज
नागरिकता आवेदनों को स्क्रीनिंग की बेहद कठिन प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। डाक विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बरेली परिक्षेत्र में किए गए 11265 आवेदनों में से जिलास्तरीय कमेटी ने 2491 ही पास किए। ये आवेदन राज्य स्तरीय कमेटी के पास पहुंचे तो 1730 और आवेदन रद हो गए। राज्य कमेटी से मंजूर 761 आवेदनों में अभी 10 ही स्वीकृत हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक पहले चरण में दस्तावेज पूरे न होने और दूसरे चरण में सत्यापन में कमी की वजह से आवेदन खारिज हुए हैं।

बरेली से राज्यस्तरीय कमेटी को भेजे 31 आवेदन
बरेली में 344 लोगों ने आवेदन किए थे जिनमें से 32 आवेदन जिला स्तरीय कमेटी ने राज्य स्तरीय कमेटी को भेजे गए थे। राज्य स्तरीय कमेटी ने 31 आवेदन स्वीकार किए हैं, हालांकि इनमें से किसी को नागरिकता नहीं मिली है। पोस्टमास्टर जनरल अतुल कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक आवेदनों पर काम चल रहा है। जल्द और आवेदन राज्य स्तरीय कमेटी को भेजे जाएंगे।

नेपाल के रास्ते आकर पीलीभीत में बनाया ठिकाना
अधिकारियों के मुताबिक पीलीभीत में सर्वाधिक आवेदनों के पीछे नेपाल की खुली सीमा वजह है। आवेदनों में विवरण दिया गया है कि 1971 में पाक वाहिनी की ओर से हमले के बाद वहां के मूल निवासी नेपाल से पैदल भारत में पहुंचे। इनमें से ज्यादातर ने पीलीभीत में ठिकाना बना लिया। कुछ लोग कोलकाता होते हुए पीलीभीत पहुंचे। पीलीभीत के सर्वाधिक आवेदन होने के कारण यहां सर्वाधिक 96 स्लॉट विभाग की ओर से दिए गए हैं।

किस जिले से कितने आवेदन
डाक विभाग के मुताबिक बरेली से 344, पीलीभीत से 7990, बिजनौर से 44, बदायूं से 11, खीरी से 189, मेरठ से 2017, रामपुर से 606, संभल से एक और शाहजहांपुर से तीन आवेदन किए गए हैं।

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