सुशासन दिवस: राजस्व विवाद से मुक्त हुए गोंडा के 101 गांव, डीएम ने की अधिकारियों की सराहना

जिला प्रशासन ने हासिल की महत्वपूर्ण उपलब्धि, डीएम ने की अधिकारियों की सराहना

सुशासन दिवस: राजस्व विवाद से मुक्त हुए गोंडा के 101 गांव, डीएम ने की अधिकारियों की सराहना

गोंडा, अमृत विचार। सुशासन दिवस के मौके पर जिले प्रशासन ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए जिले के 101 गांवों को राजस्व विवाद से मुक्त गांव घोषित किया है। इन गांवों में राजस्व से संबंधित एक भी मामले लंबित नहीं रह गए हैं। इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए डीएम नेहा ने जिले के अफसरों की सराहना की है‌। 

डीएम ने कहा कि सुशासन दिवस के इस खास मौके पर राजस्व वाद रहित गांवों की यह पहल ग्रामीणों के जीवन को सरल और विवाद मुक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। हमारी टीम ने पूरी लगन और मेहनत से इस काम को अंजाम दिया है। यह अटल बिहारी वाजपेयी जी के सुशासन के सिद्धांतों को धरातल पर लाने की सच्ची कोशिश है। पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस को पूरा देश में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। सुशासन दिवस के मौके पर जिले ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा के नेतृत्व में जिले की चारों तहसीलों के 101 गांवों को "राजस्व वाद रहित" घोषित किया गया। यह पहल न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता की मिसाल है, बल्कि ग्रामीणों के जीवन में स्थायी शांति और विकास लाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।

सुशासन दिवस का उद्देश्य नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाना और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और प्रभावी करना है। इसी प्रेरणा के तहत जिला प्रशासन गोण्डा ने महीने भर चलने वाले इस विशेष अभियान में ग्रामीणों को न्याय दिलाने और राजस्व विवादों को पूरी तरह समाप्त करने का काम किया।

एक महीने की मेहनत का नतीजा

जिले की चारों तहसीलों तरबगंज, करनैलगंज और गोंडा सदर में 25-25 तथा मनकापुर तहसील में 26 गांवों का चयन कर जिला प्रशासन ने उन गांवों को राजस्व वाद रहित गांव बनाने का संकल्प लिया था। इस मिशन को सफल बनाने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिन-रात काम किया। पंचायत स्तर पर विवादों का समाधान निकालने के लिए बैठकों का आयोजन किया गया, जहां आपसी सहमति और बातचीत के जरिए लंबित मामलों को सुलझाया गया। 

इसके मिशन के तहत‌ सबसे पहले हर गांव में चल रहे राजस्व विवादों की सूची बनाई गई। फिर संबंधित पक्षों को बातचीत के जरिए समाधान के लिए आमंत्रित किया गया मामलों को सुलझाने के लिए सहमति पर जोर दिया गया और निस्तारित विवादों की तहसील और जिला स्तर पर जांच और सत्यापन किया गया।

ग्रामीणों ने की सराहना

गांवों के निवासियों ने प्रशासन के इस प्रयास की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्षों पुराने विवादों का निपटारा होने से उनके जीवन में शांति आई है। यह पहल उनके लिए राहत और उम्मीद का संदेश लेकर आई है। ग्रामीणों ने सुशासन दिवस पर इस पहल को अटल जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि करार दिया।

इन गांवों को घोषित किया गया वाद विहीन गांव
तहसील- गोंडा 

श्रीनगर (तेजाजोत), श्रीनगर (बगहीभारी),  मेहनौन (धोबहा),  मेहनौन (परासखाल), देवरिया अलावल (भगवानपुर), देवरिया अलावल (बरेली), धानेपुर (मिश्रौलियामाफी) , सालपुर , भदुआ तरहर, पचरन (कड़वलिया), पचरन (संदेशवा), कौड़िया,  खिरौरामोहन (बेलवाबकपुर), पूरे तिवारी, कौड़िया  (पूरवदाचक), कौड़िया ( अड़बडवा), खिरौरामोहन (कपूरजोत), खिरौरामोहन ( भटपुरवा), पूरेतिवारी (भरहापारा), इटियाथोक  (इमिलियारामनाथ), इटियाथोक  ( भटपुरवा), तिर्रेमनोरमा, जिगना, तिर्रेमनोरमा (धनोहरी)  

तहसील- मनकापुर 

बेलगड़ी, बैलगड़िया, तकिया कुर्बान, बुटहा, रमईपुर सानी, चांदपुर माफी, माझा खुर्द, मुडिला, हलुवा, दुलहिया तिवारी, शेरापुर, अगया, मानपुर, रघुनंदन पुर, परानपुर, आराज़ी शेखाजोत, मझरेटी, समसपुर, बकुई बुजुर्ग, लेदिया खुर्द, बस्ती डोमा, बभनी खुर्द, चतुराभीटीस सेमासाथी, बलुआ तालाब और कांटा।

तहसील- तरबगंज

गोपालपुर, शम्भूनगर, रमईपुर, महेशपुर वन, रामगढ़ टांगिया, जानकीनगर, सरायनामू, पूरे गयादीन, जलालपुर, अचलपुर, जमालुद्दीनपुर, लिदेहना, पूरे भिखई, सेमरीखुर्द, दलेलनगर, हनुमाननगर, रूकमंगदपुर, पेड़राही, चौबेपुर, गोदौरा, पूरे दयाल, रामपुर परगना महादेवा, खरगूपुर, बरसेड़ी, गोल्हीपुर।

तहसील- करनैलगंज

पूरे बैजनाथ, अतरौलिया एहतमाली, अतरौलिया गैर एहतमाली, अतरसुईया, खुर्दाशीर, रमवापुर, लखनापुर, हडियागाड़ा, दुल्लापुर, पकड़ी, सुमेरपुर, खिन्दौरा, कमालपुर, तुलसीपुर, चन्द्रहरिया, पूरे संगम, वैदपुर, भुलियापुर, भोजजोत, रजावापुर, सरैया चौबे, हरदीटांड, अभईपुर, कम्पनी,  कैथोली।