Tech Alert: फिशिंग, बुलिंग, विशिंग का कहर, भरोसेमंद एप से ही करें ऑनलाइन लेन-देन

Tech Alert: फिशिंग, बुलिंग, विशिंग का कहर, भरोसेमंद एप से ही करें ऑनलाइन लेन-देन

मार्कण्डेय पांडेय, लखनऊ, अमृत विचार: मछली को पकड़ने के लिए चारा डाला जाता है। इसी तरह का चारा साइबर अपराधी भी प्रयोग करते हैं, जिसके कारण ''फिशिंग'' शब्द साइबर क्राइम की दुनिया में चर्चित हुआ है। अपराधी आपको ऑफर जीतने, लॉटरी निकलने या लाखों का माल हजारों में ऑफर देते हैं। इसी में आप फंस जाते हैं। ''बुलिंग'' में साइबर अपराधी लोगों को डराते हैं, अपमानित करते हैं और डरावनी सूचनाएं देकर परेशान करते हैं ताकि वह अपनी ओटीपी बताएं और पैसा उनके बताए खाते में डाल दें। ''विशिंग'' में ऑफर और लालच देकर ग्राहकों को फंसाते हैं। साइबर विशेषज्ञ एम जगदीश बाबू शुक्रवार को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पुलिसकर्मियों और छात्र-छात्राओं को दिए। इस मौके पर साइबर क्राइम को लेकर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से एक बुकलेट भी जारी किया गया। जो उत्तर प्रदेश पुलिस को पढ़ाया जाएगा। जिससे वे साइबर अपराधियों के आधुनिक दांवपेंच से जागरुक हो सकें और आमलोगों को भी कर सकें।

स्वच्छता की तरह ही हमें साइबर हाइजीन पर देना होगा ध्यान
पुलिस कर्मियों के साथ ही आम लोगों से विशेषज्ञ बाबू ने बताया कि स्वच्छता की तरह हमें साइबर हाइजीन का भी ध्यान रखना होगा।

इन बातों पर दें ध्यान
-सार्वजिनक वाईफाई के प्रयोग से होगा बचना।
-कम्प्यूटर लैब, इंटरनेट लैब्स के लिए बनाएं नियम।
-स्कूल या संस्थानों में इसके प्रयोग के लिए स्पष्ट नियम बनाएं तभी इसे प्रयोग में लाएं।
-नियमित रूप से अपने पासवर्ड को चेक करें। इसे निजी रखें और किसी के साथ शेयर न करें।
-जब कभी भी सार्वजनिक वाईफाई का प्रयोग करें तो ऑनलाइन लेन-देन और पासवर्ड दर्ज करने से बचे।
-आर्थिक जोखिम कम करने के लिए हमेशा बैंक की प्रमाणिक वेबसाइट या उनके एप का ही प्रयोग करना चाहिए। सरकार की तरफ से उपलब्ध भीम एप का प्रयोग करना बेहतर होगा।
-इसी तरह गूगल पे, फोन पे, पेटीएम आदि प्रचलन में हैं, इनका सावधानी से प्रयोग किया जा सकता है।
-लेनदेन में हमेशा उन्हीं एप का प्रयोग करें जिसे प्रमाणिक एप माना जाता है। जिसकी कंपनियां जिम्मेदार हैं।
-मल्टी अथेंटिकेशन के तहत अपने खाते को सक्षम बनाएं।
-सेटिंग में जाकर इसका विकल्प ऑन करें।
-डबल और मल्टी दो विकल्प में से एक का चयन कर सकते हैं।
-बेहतर होगा कि खाताधारक मल्टी अथेंटिकेशन का चयन करें।
-इसके बाद यदि कोई खाता के साथ छेड़छाड़ करता है तो उसकी सूचना विभिन्न नंबरों पर चली जाती है।
-मल्टी विकल्प के चयन से कई स्तरीय सुरक्षा का कवर बनेगा।
-इससे ब्रूट फोर्स के हमलों से भी बचाव होगा जिसमें फंसाने वाले ग्राहक को वायरस आदि से राहत रहती है।

अब जिलों में मास्टर ट्रेनर देंगे प्रशिक्षण
कार्यशाला में एकेटीयू के 50 छात्रों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया गया है, जो कि अब प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाकर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे। यह अभियान 24 दिसंबर तक चलेगा जिसमें प्रशिक्षण के साथ ही वहां पर लोगों को जागरूक करने के लिए रैली, गोष्ठी, नुक्कड़ नाटक आदि किया जाएगा।

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