IND vs AUS : बॉक्सिंग डे टेस्ट में शीर्ष क्रम से बेहतर प्रदर्शन चाहते हैं रविंद्र जडेजा, जानिए क्या बोले
मेलबर्न। भारत के स्टार हरफनमौला रविंद्र जडेजा ने शनिवार को कहा कि शीर्षक्रम के रन नहीं बना पाने से निचले क्रम पर दबाव बनता है और उन्हें बॉक्सिंग डे टेस्ट में बल्लेबाजों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्षाबाधित ब्रिसबेन टेस्ट में जडेजा ने पहली पारी में 77 रन बनाकर ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई। एमसीजी पर बातचीत के दौरान जडेजा ने कहा, भारत के बाहर खेलने पर शीर्षक्रम के रन काफी महत्वपूर्ण है खासकर ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में। जब शीर्षक्रम रन नहीं बनाता है तो निचले क्रम पर दबाव बन जाता है।
उन्होंने कहा, उम्मीद है कि इस टेस्ट में शीर्षक्रम और मध्यक्रम अच्छे रन बनायेगा। हमें शीर्षक्रम से अच्छे प्रदर्शन की जरूरत है । अगर बल्लेबाजों में सभी योगदान देंगे तो टीम का प्रदर्शन बेहतर होगा। ब्रिसबेन में केएल राहुल (84) को छोड़कर भारत के शीर्षक्रम के बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सके। पहले दो टेस्ट से बाहर रहे जडेजा को ब्रिसबेन में मौका दिया गया था। जडेजा ने कहा कि पहले दो टेस्ट से बाहर रहने से उन्हें हालात के अनुकूल ढलने और गाबा टेस्ट की तैयारी का समय मिल गया। उन्होंने कहा, मुझे यहां के हालात के अनुकूल खुद को ढालने के लिये काफी मसय मिला। मैं बहुत दिन से यहां हूं और लगातार बल्लेबाजी और गेंदबाजी का अभ्यास कर रहा हूं इसलिए हालात को समझ गया हूं । नेट पर होमवर्क से मुझे काफी मदद मिली।
बॉक्सिंग डे टेस्ट के बारे में उन्होंने कहा, तीन टेस्ट के बाद 1 . 1 से बराबरी पर रहना अच्छा है। अगले दो मैच काफी अहम होंगे। अगर हम एक टेस्ट जीत जाते हैं तो ट्रॉफी हमारे पास रहेगी क्योंकि पिछली दो बार हमने जीती है। ब्रिसबेन टेस्ट के बाद आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा लेकर सभी को चौंका दिया ।
जडेजा ने इस बारे में कहा, मुझे प्रेस कांफ्रेंस से पांच मिनट पहले ही इसके बारे में पता चला। किसी ने मुझे बताया कि ऐसा होने जा रहा है । हम पूरा दिन साथ रहे लेकिन उसने मुझे संकेत भी नहीं दिया । मुझे आखिरी पल पता चला । हम सभी को पता है कि अश्विन का दिमाग कैसे चलता है। अश्विन को अपना मेंटोर मानने वाले जडेजा ने कहा, वह मैदान पर मेरे मेंटोर की तरह रहा । हम इतने साल से गेंदबाजी साझेदार के रूप में साथ खेल रहे थे। मैदान पर एक दूसरे को संदेश देते रहते थे। मुझे उसकी कमी खलेगी।
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