कानपुर पुलिस ने दिल्ली से पांच शातिरों को किया गिरफ्तार: काॅलसेंटर दिखाने के लिए, असली काम साइबर ठगी, ऐसे फंसाते लोगों को...
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर की साइबर पुलिस ने लेप्स इंश्योरेंस पॉलिसी के फर्जी रिन्यूवल के नाम पर साइबर ठगी करने के लिए दिल्ली में कॉलसेंटर चलाने वाला गिरोह का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने पांच साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया। पीड़ित से लेप्स इंश्योरेंस पॉलसी के फर्जी रिन्यूवल के नाम पर 5 लाख 55 हजार रुपयों की साइबर ठगी हुई थी। फर्जी कॉलसेंटर से घटना में प्रयुक्त 40 से ज्यादा डिवाइस और अन्य सामान बरामद किया। फर्जी कॉलसेंटर से अन्य राज्यों के हजारों लोगों को भी साइबर ठगी का शिकार बनाया गया है।
काॅल सेंटर दिखाने के लिए, असली काम साइबर ठगी
बीते 28 नवंबर को गीता नगर के फ्लैट नंबर 703 निवासी अरविन्द कुमार सचान ने आईटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कराई थी। उन्होंने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी व जनरल इंश्योरेंस बीमारी पॉलिसियों को रिन्यूवल व अधिक मिच्योरिटी देने का लालच देकर कुटरचित दस्तावेज व फर्जी बीना दस्तावेज भेजकर पांच लाख 55 हजार रुपयों की साइबर ठगी करने का आरोप लगाया था। पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच पड़ताल में जुट गई थी। कानपुर पुलिस ने दिल्ली के रमेश नगर से साइबर ठगी करने में एएमएसआर वेल्थ क्रिएशन प्रा. लिमिटेड के नाम से संचालित फर्जी कॉल सेन्टर से पांच ठगों को गिरफ्तार किया गया।
इस करते थे ठगी
पुलिस पूछताछ में शातिरों ने बताया कि सबसे पहले हम लोग साथ मिलकर रुकी हुई बीमा पॉलिसी का डेटा ओपन
जस्टडायल व अन्य वेबसाइटों से लेते है। इसके बाद हम लोगों द्वारा फर्जी प्री एक्टेवेटेड सिम से काल कर पॉलिसी धारकों को उनकी पालिसी को चालू करने व अधिक मिच्योरिटी देने का लालच देते हुए लोगों को विश्वास में लेकर उनके साथ साइबर धोखाधड़ी कर उनसे रुपया ठगकर विभिन्न खातो में ट्रासफर कराते है।
जिसके बाद फर्जी रसीद लैपटाॅप व डेस्कटॉप से तैयार कर ऑफिस में लगे प्रिन्टर से प्रिन्ट कर लोगों को उनके मोबाइल नम्बर पर वाट्सएप कर देते है। जिससे लोगों को विश्वास हो जाता है। इसके बाद उपयोग में लाये गए मोबाइल नम्बर को बंद कर देते है तथा उपयोग की गयी सिम तथा मोबाइल फोन को तोड देते है तथा उन्हें कही भी नदी नाले में फेक देते है। जिससे हम लोग पकड़ न जाए।
पुलिस ट्रेस न कर सके थे जो मोबाइल फोन हम लोगों के पास है ये फोन हम लोग ठगी के लिए ही इस्तेमाल कर रहे है तथा ये जो डाटा है इसी डाटा में दिए गए मोबाइल नम्बर पर हम लोग इन्ही मोबाइल फोनों से काल करते है। काल करने के दौरान लोगों को उनका नाम व रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर, पालिसी नम्बर व जन्म तिथि व पालिसी धारक का पता व पालिसी प्रीमियम की धनराशि बताते है। जिससे पालिसी धारक विश्वास में आ जाता और फिर पाॅलिसी को मेच्योर व रिइश्यू आदि के नाम पर अधिक लाभ का झांसा देते हुए पालिसी धारकों से पैसो को द्वारा पहले से लिए गए बैंक खातों में डलवाकर ठगी कर लेते है।
यह सामान हुआ बरामद
41 मोबाइल फोन, एक डेस्कटॉप, एक लैपटॉप, एक प्रिंटर, तीन पेन ड्राइव, चार वाईफाई राउटर, चार स्टाम्प, चार आईडी कार्ड, तीन सिम कार्ड व एक लाख 6 हजार रुपये बरामद हुए।
यह आरोपी हुए गिरफ्तार
1. विशाल कपूर निवासी अगोलिक रेजीडन्टर सोडीपुर हरियाणा
2. तोशीक निवासी आरजे निहाल विहार नागलाई थाना निहाल विहार दिल्ली
3. रमेश चौधरी निवासी करनपुरा मोतीनगर दिल्ली
4. रिषभ सिंह निवासी तिलक नगर दिल्ली
5. साहिल पुत्र उत्तमनगर दिल्ली
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