विशेष सचिव को मिली कोर्ट में बैठने की सजा, दो हजार रुपये जुर्माना भी लगा, जानिए पूरा मामला

विशेष सचिव को मिली कोर्ट में बैठने की सजा, दो हजार रुपये जुर्माना भी लगा, जानिए पूरा मामला

कानपुर, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फतेहपुर के बीआर अंबेडकर शिक्षा सदन में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात रहीं सुमन देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव को कोर्ट की पूरी कार्यवाही के चलने तक यानी दोपहर 1 बजे तक कोर्ट में बैठने की सजा सुनाई।

न्यायाधीश द्वारा सुनाई गई सजा के बाद तत्काल उन्हें हिरासत में ले लिया गया। अदालत ने उन पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि विशेष सचिव को हर हाल में चार जनवरी 2025 तक महानिबंधक कार्यालय में जमा करनी होगी। 

समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विद्यालय में तैनात रहीं सुमन देवी को 21 जनवरी 2023 को सेवानिवृत्त होना चाहिए था, लेकिन विभाग की ओर से उन्हें अप्रैल 2022 में ही सेवानिवृत्त कर दिया गया था। सुमन ने 21 जनवरी 2023 को कार्यभार ग्रहण कर लिया था, लेकिन अप्रैल 2022 से 21 जनवरी 2023 तक का वेतन उन्हें विभाग ने नहीं दिया।

विभाग की ओर से कहा गया था कि उन्होंने इस अवधि में कोई कार्य नहीं किया है, इसलिए उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया जा सकता है। इस आदेश के खिलाफ ही सुमन देवी ने हाईकोर्ट में वर्तमान याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने सुमन को एक अप्रैल 2022 से 21 जनवरी 2023 तक का वेतन देने का आदेश दिया था, लेकिन विशेष सचिव रजनीश चंद्रा ने इस आदेश का पालन करने के बजाय अलग आदेश पारित कर दिया था।

सुमन ने नो वर्क, नो पे के उनके आदेश को हाईकोर्ट की अवमानना माना और पुन: याचिका दायर की। कोर्ट ने आदेश की अवमानना पर विशेष सचिव, समाज कल्याण रजनीश चंद्रा और जिला समाज कल्याण अधिकारी, फतेहपुर को तलब किया था। रजनीश चंद्रा ने हलफनामा देकर माफी मांगते हुए बताया कि कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया गया है। न्यायालय ने उनके स्पष्टीकरण से सहमत न होने पर उन्हें अदालत उठने तक हिरासत में रहने और दो हजार रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा दी। यह जुर्माना उन्हें चार जनवरी 2025 तक जमा करना है।