पीलीभीत: जंगल में अब होगी प्रभावी गश्त, पीटीआर को मिले 25 मोबाइल और 14 रेंज फाइंडर
पीलीभीत, अमृत विचार। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के वनकर्मियों को अब जंगल में गश्त करना और अफसरों को रियल टाइम जानकारी देना आसान होगा। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने टाइगर रिजर्व प्रशासन को 25 मोबाइल फोन एवं 14 रेंज फाइंडर मुहैया कराए हैं। मोबाइल फोनों का इस्तेमाल एम-स्ट्राइप गश्त में किया जाएगा।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व 73 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है। पांच रेंजों में बंटे पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 54 बीट है। वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा एवं अवैध घुसपैठ पर नजर रखने के लिए सभी रेंजों में वनकर्मियों द्वारा रोजाना गश्त की जाती है। पूर्व में जंगल क्षेत्र में गश्त के दौरान वनकर्मी गश्त के दौरान पूरा विवरण कागज की शीट या फिर डायरी में दर्ज करते थे। इधर, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के निर्देश पर 2017-18 से पीलीभीत टाइगर रिजर्व में एम-स्ट्राइप एप्लीकेशन की मदद से वनकर्मी गश्त करते आ रहे हैं। यह एक एंड्रायड बेस मोबाइल एप्लीकेशन है जो वनकर्मियों के मोबाइल फोन में अपलोड की जाती है। इसका उपयोग गश्त के दौरान बाघों के देखे जाने, वन्यजीव अपराध और पारिस्थितिकी संबंधी अवलोकन से संबंधित डेटा को कैप्चर करने के लिए किया जा रहा है। सॉफ्टवेयर सिस्टम वनकर्मियों के गश्ती मार्गों का भी मानचित्र बनाता है। इसके अलावा एम- स्ट्राइप गश्त करने वाले वनकर्मियों की लोकेशन एवं उनके द्वारा फीड की गई जानकारी को मुख्यालय पर बैठे अफसर भी रियल टाइम देख सकते हैं। इधर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा पीलीभीत टाइगर रिजर्व को 25 एम-स्ट्राइप बेस्ड मोबाइल फोन और 14 रेंज फाइंडर डिवाइस उपलब्ध कराई गई है। जरुरत के अनुसार इन्हें रेंजों को दिया जाएगा।
यह होता है रेंज फाइंडर
रेंज फाइंडर एक ऐसा उपकरण है जिसका इस्तेमाल किसी वस्तु या बिंदु की दूरी मापने के लिए किया जाता है। अब इसका उपयोग पीलीभीत टाइगर रिजर्व में गश्त एवं वन्यजीव अपराध आदि के दौरान किया जाएगा।
जंगल क्षेत्र में प्रभावी गश्त को लेकर एनटीसीए द्वारा मोबाइल फोन और रेंज फाइंडर उपलब्ध कराए गए हैं। जल्द ही इन्हें फील्ड स्टॉफ को वितरित कर दिए जाएंगें। - मनीष सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पीलीभीत टाइगर रिजर्व।