Allahabad High Court Decision : श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले की सुनवाई आगामी 4 दिसंबर को सुनिश्चित

Allahabad High Court Decision : श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले की सुनवाई आगामी 4 दिसंबर को सुनिश्चित

प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान कुछ देर तक अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना और उसके बाद सुनवाई आगामी 4 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी। उक्त आदेश न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की एकलपीठ ने ठाकुर केशव देव जी महाराज विराजमान मंदिर कटरा केशव देव और दो अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

बता दें कि पिछली सुनवाई में शाही ईदगाह मस्जिद द्वारा दाखिल एक आवेदन को अनुमति दी गई, जिसमें ठाकुर केशव देव जी महाराज विराजमान मंदिर कटरा केशव देव (वाद संख्या 3) द्वारा दाखिल मुकदमे में पक्षकार बनाने की मांग की गई थी। आवेदक ने कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि वह इस मुकदमे में एक आवश्यक और उचित पक्ष है, क्योंकि वादी के दावों का कोई आधार नहीं है। मस्जिद के नीचे या उसके मंच या सीढ़ियों पर कोई मूल्यवान मूर्ति या प्रतिमा नहीं रखी गई है। इसके अलावा आवेदक ने कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने की अनुमति मांगी, जिससे मामले में उचित और प्रभावी निर्णय किया जा सके, अन्यथा आवेदक के हित खतरे में पड़ सकते हैं।

उक्त तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने माना कि आवेदक अधिकांश मुकदमों में विपक्षी है और वह अधिकांश मुकदमों में स्वयं प्रभावी ढंग से मुकदमा लड़ रहा है, इसलिए उसे वाद संख्या 3 में भी विपक्षी के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि आवेदक एक आवश्यक पक्ष नहीं है, लेकिन मुकदमे में एक उचित पक्ष अवश्य है और मुकदमे में एक पक्ष के रूप में शामिल होने का हकदार है। अंत में कोर्ट ने वादी को एक सप्ताह के भीतर आवेदक को विपक्षी के रूप में पक्षकार बनाने के लिए शिकायत में आवश्यक संशोधन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

मालूम हो कि मुकदमे में वादियों का दावा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने 1670 में कटरा केशव देव मंदिर को ध्वस्त कर दिया था और बहुमूल्य हीरे और सोने के आभूषण लूट लिए थे। मुगल साम्राज्य की तत्कालीन राजधानी आगरा में जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर पवित्र देव विग्रह स्थापित कर दिए गए। इस कारण उक्त मामले में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है।

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