पीलीभीत: सराय सुंदरपुर की तरह भूड़ा और कल्यानपुर का हाल...किसान बोले धान माफिया ने किया खेल
पीलीभीत, अमृत विचार। पिछड़ती चल रही जनपद की धान खरीद में लक्ष्य पाने के लिए आंकड़ों का खेल बरकरार है। जिम्मेदार लगातार सामने आ रही खामियों पर पर्दा डालने में जुटे हैं। धरातल पर व्यवस्था बेहतर बनाने पर किसी का ध्यान नहीं है। आलम ये है कि सरकारी क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। क्रय केंद्र की व्यवस्थाएं ही हकीकत की ओर इशारा कर रही हैं। क्रय केंद्रों पर सिर्फ संसाधन बाहर निकालकर रख दिए हैं। क्रय केंद्र प्रभारी भी अलग कमरों में बैठकर दूसरे कामकाज निपटाते दिख रहे हैं। यह बात दीगर रही कि फिर भी खरीद के आंकड़ों में दिनों दिन उछाल हो रहा है।
बीते दिनों सराय सुंदरपुर के धान क्रय केंद्र पर लापरवाही उजागर हुई। इसके बाद जिम्मेदारों ने बंद पड़े धान क्रय केंद्र की जांच कराने की बात तो कही लेकिन इसे लेकर अभी भी कोई कदम नहीं उठाया गया है। नतीजतन गुरुवार को भी सराय सुंदरपुर क्रय केंद्र पर अव्यवस्था हावी रही। पिछले कई दिनों से यहां पर धान का एक दाना नहीं पहुंचा है। गुरुवार को भी सराय सुंदरपुर क्रय केंद्र पर सन्नाटा पसरा रहा। इतना जरूर है कि बीते दिनों की फजीहत का संज्ञान लेकर इस बार क्रय केंद्र पर कांटा, छलना बाहर रखा था। मगर शटर पर ताले ही लटके हुए थे। बैनर जरूर लटका दिया गया था। परिसर में धान का एक दाना भी दिखाई नहीं दे रहा था। क्रय केंद्र प्रभारी का कहना था कि पिछले तीन चार दिन से कोई खरीद नहीं हुई है।
भूड़ा सरैंदा में भी खरीद बंद, खेल की तरफ इशारा
भूड़ा सरैंदा गांव में धान क्रय केंद्र ग्राम पंचायत सचिवालय परिसर में बना हुआ है। यहां पर पड़ोस में ही सरकारी सकूल हैं। गुरुवार दोपहर को क्रय केंद्र पर सन्नाटा पसरा हुआ था। कहीं पर कोई धान का दाना तक बिखरा नहीं था। केंद्र प्रभारी राममूरत बाहर सड़क की तरफ खड़े हुए थे। केंद्र पर प्रवेश करने वाला मुख्य गेट बंद था, जिसमें ट्रॉली का प्रवेश नहीं हो सकता। छोटा गेट खुला हुआ था। देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कई दिन से यहां धान पहुंचा ही नहीं है। केंद्र प्रभारी से जब बात की गई तो उनका कहना था कि दो दिन से खरीद शून्य है।
बाहर रखे संसाधन, कमरों में ताला
मरौरी ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम कल्यानपुर नौगवां में भी धान क्रय केंद्र बनाया गया है। यह क्रय केंद्र यूपी कोऑपरेटिव यूनियन का था। यहां पर छलना रखा था। उसी से सटाकर कांटा और मेज पर नमी मापक यंत्र रखा हुआ था। मगर, कक्ष और पास के शटर के ताले बंद थे। परिसर में ही बने एक अन्य कक्ष में क्रय केंद्र प्रभारी कमल कुमार बैठे हुए थे। केंद्र पर एक-दो दिन से खरीद शून्य बताई। जब पूछा कि उससे पहले कब खरीद हुई थी तो कुछ दूरी पर पड़े छिटपुट धान के ढेर को दिखाकर साख बचाई। कमरों में ताले बंद रखने के पीछे तर्क था कि उसमें सामान रखा है, कहीं चोरी न हो जाए।
बोले- लुट चुका किसान , अब तो शामिल हो रहा माफियाओं का धान: मंजीत
भाकियू अराजनैतिक जिलाध्यक्ष सरदार मंजीत सिंह ने बताया कि वर्तमान में हकीकत है कि किसान के पास दो से तीन प्रतिशत ही धान बचा है। शुरुआत से ही क्रय केंद्रों पर किसानों को टरकाया जाता रहा और माफिया धान खरीदते रहे। अब वही धान सरकारी खरीद में शामिल किया जा रहा है। फर्जी तरीके से खरीद की जा रही है। किसान को इस बार भी एमएसपी का लाभ नहीं मिला। राजनीतिक संरक्षण और कुछ जिम्मेदारों से सांठगांठ के चलते धान खरीद में बड़ा घोटाला हुआ है। किसान को तो औने-पौने दाम पर ही धान बेचना पड़ा।
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