चित्रकूट आए असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, बोले- ज्यों गूंगे मीठे फल को रस अंतगत ही भावै...

चित्रकूट आए असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, बोले- ज्यों गूंगे मीठे फल को रस अंतगत ही भावै...

चित्रकूट, सीतापुर, अमृत विचार। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा कि उनकी भगवान कामतानाथ से प्रार्थना है कि देश फिर से विश्वगुरु बने। वह बुधवार को सपरिवार तीर्थक्षेत्र आए और भगवान कामतानाथ का दर्शन कर नंगे पैर कामदगिरि की परिक्रमा की। वह तीर्थक्षेत्र की प्राकृतिक छटा और आध्यात्मिकता से अभिभूत हो गए।

चित्रकूट आकर खुश दिख रहे असम के राज्यपाल ने कहा कि जैसे किसी गूंगे को मीठा फल खिला दो तो वह स्वाद नहीं बता सकता, वैसी अनुभूति यहां आकर हुई है। उन्होंने कहा, मैं इसी तरह अपनी अनुभूति नहीं बता सकता। उन्होंने सूरदास की पंक्तियां पलटकर पढ़ीं, ज्यों गूंगै मीठे फल को रस अंतरगत ही भावै, अविगत गति कहत न आवै। 

उन्होंने कहा कि अपने बहुत ही सुंदर राज्य असम, इस प्रदेश और देशवासियों के सुख समृद्धि और संपन्नता के लिए प्रार्थना की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को विश्वगुरु बनाने में भगवान कामतानाथ का आशीर्वाद मिले, हमारा राष्ट्र फिर विश्वगुरु के पद पर स्थापित हो। 

निवर्तमान सांसद के घर खाए बुंदेली व्यंजन

असम के राज्यपाल ने निवर्तमान सांसद आरके सिंह पटेल के घर जाकर वहां बुंदेलखंड के व्यंजनों का लुत्फ उठाया। आरके को उन्होंने मां कामाख्या देवी का प्रसाद दिया और उनको भविष्य की शुभकामनाएं दी। तीर्थक्षेत्र में कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदनगोपाल दास ने उनको भगवान कामतानाथ का चित्र भेंट किया।

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