Exclusive: कानपुर से दूसरी मुस्लिम महिला विधायक हैं नसीम सोलंकी, सीसामऊ सीट पर सोलंकी परिवार का कब्जा
शैलेश अवस्थी, कानपुर। नसीम सोलंकी कानपुर से चुनी गईं 14 वीं महिला विधायक हैं। सबसे प्रभावशाली विधायकों में सुशीला रोहतगी और प्रेमलता कटियार का नाम गिना जाता है। दोनों ने प्रदेश सरकार में मंत्री पद का कामकाज संभाला और इनकी धमक दिल्ली तक रही। आजादी के बाद साल 1951 में कानपुर से पहली महिला विधायक बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की ब्रजरानी चुनी गईं।
स्वतंत्रता सेनानी रहीं ब्रजरानी ने तीन बार इस सीट का नेतृत्व किया। उनकी पहचान कर्मठ और विनम्र जनप्रतिनिधि की थी। वर्ष 1962 में सुशीला रोहतगी कानपुर सिटी पंचम क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक बनीं। वह पं. मदनमोहन मालवीय की परपौत्री और रसूखदार राजनीतिक परिवार से थीं।
कद्दावर कांग्रेस नेताओं का उनके घर आना-जाना था। वह सभासद, विधायक, विधान परिषद सदस्य, सांसद और राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने के साथ केंद्र और राज्य सरकारों में मंत्री रहीं। प्रदेश में उन्होंने धमकदार गृहमंत्री की पहचान बनाई थी। सुशीला की ही तरह पहले जनसंघ फिर भाजपा में ताकतवर प्रेमलता कटियार वर्ष 1991 में कल्याणपुर से विधायक बनीं और लगातार पांच बार इसी क्षेत्र से चुनी गईं।
वह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं और भाजपा संगठन में भी काम किया। सक्रिय जीवन में कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद, विनम्रता, हर किसी के दुःख-सुख में खड़े होना और पार्टी के बड़े नेताओं से सांमजस्य, उनकी राजनीतिक ताकत बनी। अब उनकी विरासत विधायक पुत्री नीलिमा कटियार संभाल रही है। कमला दरियाबादी भी दो बार कांग्रेस से सीसामऊ सीट की विधायक रहीं। वह बेहद सीधी-सादी, सरल, विनम्र और कांग्रेस भक्त थीं।
उनके पति लालता प्रसाद कांग्रेस से जुड़े थे और फिर बेटा संजीव दरियाबादी भी इसी सीट से दो बार विधानसभा पहुंचे। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की पत्नी रेशमा आरिफ 1989 में आर्यनगर से विधायक चुनी गईं, लेकिन कानपुरियों में अपनी छाप नहीं छोड़ सकीं। 1980 में कांग्रेस से सुमनलता दीक्षित विधायक बनीं, वह पूर्वांचल के विधायक भोला पांडे से शादी के बाद चर्चा में रहीं। लेकिन राजनीति से गायब हो गईं।
अब सीसामऊ से नसीम सोलंकी सपा की विधायक बनी हैं। देखना है कि वह कहां तक अपना राजनीतिक रसूख और पहचान बनाती हैं या उनकी राजनीतिक यात्रा सिर्फ एक चुनाव तक सीमित रह जाएगी। कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र कहते हैं कि सुशीला और प्रेमलता ने उस वक्त में सशक्त पहचान बनाई, जब महिलाओं के लिए राजनीति की डगर कठिन थी।
कानपुर से महिला विधायक
1. ब्रजरानी - बिल्हौर विधानसभा- 1951, 57 और 62
2. सुशीला रोहतगी -कानपुर सिटी पंचम- 1962
3. तारा - कानपुर सिटी प्रथम-1962
4. कृष्णा -कल्याणपुर -1969
5. पुष्पा तलवार –कल्याणपुर-1977,
6. कमला दरियाबादी- सीसामऊ- 1980, 85
7. सुमनलता दीक्षित-जनरलगंज - 1980
8. रेशमा आरिफ- आर्यनगर -1989
9. प्रेमलता कटियार- कल्याणपुर- 1991, 93, 96, 2002 और 2007
10. नीलिमा कटियार-कल्याणपुर - 2017, 22
11. अरुणा तोमर, सरसौल- 2002 और 07
12. कमलरानी वरुण- घाटमपुर- 2017
13. सरोज कुरील- घाटमपुर – 2022