लखीमपुर खीरी: किसानों ने डीएम कार्यालय का घेराव कर किया प्रदर्शन, जमकर नारेबाजी
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार: भारतीय किसान यूनियन (अमन संधू) और अखिल भारतीय किसान महासभा ने विलोबी मैदान में धरना दिया। इसके बाद डीएम कार्यालय पहुंचे और घेराव कर जमकर नारेबाजी की। किसानों का कहना है कि गन्ने का समर्थन मूल्य 500 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए। एमएसपी को लागू किया जाए। किसानों ने मुख्यमंत्री को संबोधित 20 सूत्री मांगपत्र अतिरिक्त एसडीएम को सौंपा।
किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमन सिंह संधू ने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है। इससे खेती की लागत में भी बढ़ोत्तरी हुई है। गन्ने का समर्थन मूल्य कम से कम 500 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए। फसल खरीद के लिए कानूनी रूप से स्वामीनाथ रिपोर्ट के मुताबिक C2+50% की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दी जाए। उन्होंने कहा कि आज किसानों के सामने आर्थिक समस्या सबसे विकराल है।
बजाज समूह की चीनी मिलें गन्ने का भुगतान नहीं कर रही हैं। किसानों को अपने बच्चों की पढ़ाई, शादी-ब्याह, बीमारी व अन्य खर्चों के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। नया सत्र प्रारम्भ हो चुका है, लेकिन अभी तक पिछले सत्र का भुगतान बकाया है। धन के अभाव में सारे काम रुके पड़े है। अगली फसलें प्रभावित हो रही है। शीर्ष अदालतों के आदेशों के मुताबिक गन्ने की आपूर्ति के 14 दिनों के अन्दर गन्ना भुगतान करना मिल मालिकों की जिम्मेदारी है।
भुगतान न होने पर 15% की दर से ब्याज दिया जाना चाहिए, लेकिन इन शर्तों का भी पालन नहीं हो रहा है। भाकपा माले नेता कृष्णा अधिकारी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार का नेतृत्व कर रहे नेताओं ने चुनाव के समय वादा किया था, कि गन्ना मूल्य का भुगतान 14 दिनों में ही हो जाये, इसे लागू कराया जाया। गन्ना से चीनी बनाकर मिलें मोटा मुनाफा कमा रही है। भुगतान सुविधानुसार माल बेच कर किया जा रहा है, वह भी मुनाफा कमा कर।
उन्होंने कहा कि जंगली हिंसक पशुओं के आतंक से किसानों की जान का खतरा बना हुआ है। बाघ, तेन्दुआ, भेड़िया आदि के हमले में तमाम किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। मुआवजा व राहत देने का कम प्राथमिकता से होना चाहिए। इसके बाद सभी जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते डीएम कार्यालय पहुंचे और घेराव कर प्रदर्शन किया और अतिरिक्त एसडीएम रेणु मिश्रा का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में भाकियू ने मुख्यमंत्री से कहा है कि किसान अनी समस्याओं को लेकर उनसे मिलना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें समय दिया जाए। ज्ञान देने वालों में रामकुमार वर्मा, मोहम्मद ताज, उत्तम यादव समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
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