शाहजहांपुर: शातिरों ने वित्तमंत्री के नाम से की गबन की शिकायत, रिपोर्ट दर्ज
एसडीएम सदर को डाक से भेजा वित्त मंत्री के नाम वाला पत्र
शाहजहांपुर, अमृत विचार। शातिर ने वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के नाम से एसडीएम सदर से प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले का आरोप लगाते हुए शिकायत कर दी। एसडीएम ने जांच लेखपाल को सौंपी तो पत्र फर्जी पाया गया। वित्त मंत्री ने इस तरह का कोई शिकायती पत्र लिखने से इनकार किया। इसके बाद लेखपाल ने वित्त मंत्री के नाम से शिकायत करने वाले अज्ञात शातिर व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करा दिया है। आरोप है कि शातिरों ने वित्त मंत्री की छवि धूमिल करने और रंगदारी वसूलने की मंशा से उनके नाम से शिकायत की थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
एसडीएम सदर को 9 सितंबर को डाक से वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के नाम से एक पत्र भेजा गया था। पत्र में लिखा था कि चिनौर गांव में अपात्रों को सरकारी आवास दे दिए गए हैं। एसडीएम सदर ने लेखपाल गुरु प्रकाश को जांच दी। लेखपाल ने इस संबंध में वित्त मंत्री से संपर्क किया तो उन्होंने ऐसा कोई भी पत्र लिखने से इनकार किया। फर्जी प्रार्थनापत्र ने प्रशासनिक और राजनीतिक हलचल पैदा कर दी। तहसील सदर के लेखपाल गुरु प्रकाश सिंह ने थाना सदर बाजार में तहरीर देकर बताया कि वह लेखपाल के पद कार्यरत हैं। उन्हें एक प्रार्थना पत्र 9 सितंबर को गांव चिनौर थाना सदर बाजार की जांच करने के लिए मिला था। जिससे पता चला कि पत्र वित्त मंत्री सुरेख खन्ना के नाम से दिया गया है। उन्होंने मंत्री से प्रार्थना पत्र के बारे में जानकारी की तो पता चला कि मंत्री ने कोई पत्र नहीं दिया है। जिससे स्पष्ट होता हो गया कि प्रार्थनापत्र मंत्री की छवि को धूमिल करने, ठगी करने, धोखाधड़ी व रंगदारी वसूलने के उद्देश्य से कुछ असामाजिक तत्वों की ओर से दिया गया है। जिससे मंत्री की भावनाएं आहत हुई हैं। प्रभारी निरीक्षक रवींद्र सिंह ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।
पूर्व प्रधान सहित दस पर लगाया गबन का आरोप
वित्त मंत्री के नाम से लिखे गए पत्र में वित्त मंत्री के हस्ताक्षर नहीं हैं। डाक के माध्यम से यह पत्र एसडीएम सदर को भेजा गया। पत्र में एक पूर्व प्रधान सहित दस लोगों पर प्रधानमंत्री आवास योजना में करोड़ों का घोटाला किए जाने का आरोप लगाया गया। पत्र में दस लोगों का नाम व पता लिखते हुए कहा गया कि इन लोगों ने पीएम आवास योजना में चोरी की है। इस घोटाले में एक पूर्व प्रधान भी शामिल है, जिसकी इस घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका है। मोटा कमीशन लेकर पूर्व प्रधान ने अपात्रों को योजना का लाभ दिलाया है। यह घोटाला अपात्रों को गरीब बताकर किया जा रहा है। घोटाले में एक पूर्व प्रधान के शामिल होने के चलते पात्रता तय करते समय ठीक से जांच नहीं की गई और अपात्रों को पीएम आवास दे दिए गए, जबकि दूसरी ओर तमाम गरीब लोग आवास पाने को भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें आवास नहीं मिल पा रहा है। पत्र में आरोप लगाया गया कि अपात्र एक नया प्लाट खरीदते हैं और उस पर प्रधानमंत्री आवास निकाल लेते हैं। इसके बाद दूसरा नया प्लाट खरीदते हैं और उस पर भी पीएम आवास का लाभ ले लेते हैं। ऐसे में दस आरोपियों ने कई-कई बार लाभ लेकर करोड़ों का चूना सरकार को लगाते हुए प्रधानमंत्री आवास लिए हैं।
लेखपाल ने किया फर्जीवाड़े का खुलासा
एसडीएम के पास पत्र पहुंचने के बाद एसडीएम ने लेखपाल गुरुप्रकाश को जांच सौंपी। जबकि पत्र पर शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर नहीं थे। इसके बाद भी एसडीएम सदर का माथा नहीं ठनका। उन्होंने एक फर्जी शिकायती पत्र पर जांच का आदेश कर दिया और लेखपाल गुरु प्रकाश को जांच अधिकारी बना दिया। जब लेखपाल ने मामले की जांच शुरू की तो उनका माथा ठनका कि क्या वित्त मंत्री इस तरह शिकायत कर सकते हैं। दूसरी ओर पत्र पर वित्त मंत्री के साइन नहीं थे। ऐसे में लेखपाल को शक हुआ और उसने वित्त मंत्री से मिलने का प्रयास शुरू किया। कई प्रयास करने के बाद कहीं वह वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना से मिल सका। लेखपाल ने शिकायती पत्र के विषय में पूछा तो वित्त मंत्री को कुछ भी पता नहीं था। इससे साबित हो गया कि पत्र फर्जी है। वित्त मंत्री के नाम से किसी शातिर ने मामले की शिकायत की है। इसके बाद लेखपाल ने सदर थाने में शिकायती पत्र देकर मामले की रिपोर्ट दर्ज करवा दी।
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